नेपाल ने भारत के पनबिजली बोर्ड को पश्चिम सेती परियोजना के अध्ययन, विकास को मंजूरी दी
नेपाल ने सोमवार को भारत के पनबिजली बोर्ड को पश्चिमी नेपाल में 1,200 मेगावाट की पनबिजली परियोजनाओं के अध्ययन और विकास की मंजूरी दी। परियोजनाओं में 750 मेगावाट क्षमता की पश्चिम सेती जलविद्युत परियोजना और 450 मेगावाट क्षमता की सेती नदी (एसआर-6), एक संयुक्त भंडारण परियोजना शामिल है।
(शिरीष बी. प्रधान) काठमांडू, 9 अगस्त। नेपाल ने सोमवार को भारत के पनबिजली बोर्ड को पश्चिमी नेपाल में 1,200 मेगावाट की पनबिजली परियोजनाओं के अध्ययन और विकास की मंजूरी दी। परियोजनाओं में 750 मेगावाट क्षमता की पश्चिम सेती जलविद्युत परियोजना और 450 मेगावाट क्षमता की सेती नदी (एसआर-6), एक संयुक्त भंडारण परियोजना शामिल है।
विदेशी निवेश को मंजूरी देने के लिए अधिकृत सरकारी संस्था नेपाल निवेश बोर्ड (एनआईबी) ने पनबिजली के संयुक्त विकास हेतु व्यवहार्यताअध्ययन करने के लिए भारत सरकार के उद्यम नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनएचपीसी) प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी है, जिसमें 750 मेगावाट क्षमता की पश्चिम सेती जलविद्युत परियोजना और 450 मेगावाट क्षमता कीसेती नदी- 6 परियोजना (1200 मेगावाट की संयुक्त क्षमता) शामिल है।
प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की अध्यक्षता में काठमांडू में आयोजित नेपाल निवेश बोर्ड की 52वीं बैठक के दौरान इस आशय का निर्णय लिया गया। भारत के ऊर्जा मंत्रालय के तहत एनएचपीसी लिमिटेड ने मई में पश्चिम सेती पनबिजली परियोजना को विकसित करने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। लगभग छह दशक पहले परिकल्पना की गई पश्चिम सेती परियोजना नेपाल के सुदूर पश्चिम में सेती नदी पर स्थित है।
प्रस्तावित बांध स्थल, सेती और करनाली नदियों के संगम से 82 किलोमीटर ऊपर होगा, जो गंगा बेसिन का हिस्सा है। परियोजना स्थल 550 से 920 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और छह जिलों में फैले हुआ हैं। निवेश बोर्ड के अनुसार, परियोजना की अनुमानित लागत 2.4 अरब अमेरिकी डॉलर है। भारतीय ऊर्जा कंपनी सतलुज जलविद्युत निगम (एसजेवीएन) ने लोअर अरुण पनबिजली परियोजना को विकसित करने के लिए पिछले साल नेपाल सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस बीच, बैठक में नेपाल में सतत बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सितंबर में काठमांडू में सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फोरम 2022 आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया।
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