अमेरिका में चुनाव के पीछे है ‘270’ का गणितीय खेल

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निर्वाचक मंडल के महत्व पर जाएं तो इसके महत्व का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन को लगभग 29 लाख अधिक मत मिले थे, लेकिन फिर भी वह चुनाव हार गई थीं।

वाशिंगटन। अनेक लोगों के मन में सवाल उठता है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के पीछे ‘270’ का क्या चक्कर है? असल में, यह एक जादुई संख्या और गणितीय खेल है जो निर्वाचक मंडल के रूप में तय करता है कि अगले चार साल तक व्हाइट हाउस में कौन बैठेगा। निर्वाचक मंडल के महत्व पर जाएं तो इसके महत्व का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन को लगभग 29 लाख अधिक मत मिले थे, लेकिन फिर भी वह चुनाव हार गई थीं। इस चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप विजयी रहे थे क्योंकि अमेरिकी संविधान की निर्वाचक मंडल रूपी व्यवस्था के आंकड़ों में उन्हें सफलता मिली थी। इस जादुई संख्या रूपी व्यवस्था में अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए किसी भी उम्मीदवार को निर्वाचक मंडल के कम से कम 270 मतों की आवश्यकता होती है। यह देश के 50 राज्यों के 538 सदस्यीय निर्वाचक मंडल में बहुमत का जादुई आंकड़ा है। प्रत्येक राज्य को अलग-अलग संख्या में निर्वाचक मंडल मत आवंटित हैं जो इस आधार पर तय किए गए हैं कि प्रतिनिधि सभा में उसके कितने सदस्य हैं। इसमें दो सीनेटर भी जोड़े जाते हैं। 

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कैलिफोर्निया राज्य में सर्वाधिक 55 निर्वाचक मंडल मत हैं। इसके बाद टेक्सास में इस तरह के 38 मत हैं। जो उम्मीदवार न्यूयॉर्क या फ्लोरिडा में जीत दर्ज करता है वह 29 निर्वाचक मंडल मतों के साथ ‘270’ के जादुई चक्कर की तरफ आगे बढ़ सकता है। इलिनोइस और पेनसिल्वानिया में इस तरह के बीस-बीस मत हैं। इसके बाद ओहायो में इस तरह के मतों की संख्या 18,जॉर्जिया और मिशिगन में 16 तथा नॉर्थ कैरोलाइना राज्य में इस तरह के मतों की संख्या 15 है। ट्रंप के पास इस जादुई आंकड़े तक पहुंचने के कई रास्ते हैं, लेकिन उनके लिए सर्वश्रेष्ठ रास्ता फ्लोरिडा और पेनसिल्वानिया में जीत का है। यदि वह दोनों राज्यों में जीत जाते हैं और नॉर्थ कैरोलाइना तथा एरिजोना, जॉर्जिया और ओहायो में बढ़त प्राप्त करते हैं तो वह जीत जाएंगे। फ्लोरिडा ट्रंप के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है जहां 29निर्वाचक मंडल मत हैं। अगर इस राज्य में उन्हें हार मिलती है तो दुबारा व्हाइट हाउस पहुंचने का उनका सपना संभवत: अधूरा रह जाएगा। राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो. बाइडेन ने मध्य पश्चिमी राज्यों पर कम ध्यान दिया है और उन्होंने मिशिगन, विस्कॉन्सिन तथा पेनसिल्वानिया जैसे राज्यों पर ध्यान अधिक केंद्रित किया है जहां 2016 में ट्रंप को झटका लगा था। बाइडेन ने फ्लोरिडा पर भी काफी ध्यान दिया है जहां अगर झुकाव डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ हुआ तो ट्रंप संभवत: चुनावी लड़ाई हार जाएंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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