काटे बाल, जलाए हिजाब, महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में महिलाओं का महा-प्रदर्शन
ईरानी सरकार के इस तानाशाही के खिलाफ ईरान में बड़ी संख्या में महिलाओं ने बिना हिजाब के सड़कों पर प्रदर्शन किया और विरोध में हिजाब को आग के हवाले किया। तेहरान में महिलाओं के हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हिजाब को जला दिया।
जिस वक्त 22 बरस की महसा अमिनी को सुपर्द-ए-खाक किया जा रहा था। उसी वक्त ईरान की महिलाएं हिजाब उतारकर महसा की हत्या पर विरोध जता रही थीं। ईरान के तेहरान में महसा अमिनी को हिजाब नहीं पहनने के जुर्म में इतना मारा की इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है। ईरानी सरकार के इस तानाशाही के खिलाफ ईरान में बड़ी संख्या में महिलाओं ने बिना हिजाब के सड़कों पर प्रदर्शन किया और विरोध में हिजाब को आग के हवाले किया। तेहरान में महिलाओं के हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हिजाब को जला दिया। इसके साथ ही महिलाओं ने सिर के बाल भी काटे। ईरानी राष्ट्रपति ने महसा की मौत के जांच के आदेश दिए हैं।
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ईरान में क्यों हुआ प्रदर्शन?
22 साल की महसा अमिनी की मौत से ये महिलाएं गुस्से में हैं। महसा पश्चिमी ईरान में साकेज की रहने वाली थीं। वह परिवार से मिलने 13 सितंबर को तेहरान आई थीं। वह हिजाव के खिलाफ थी, इसलिए उन्होंने उसे नहीं पहना था। पुलिस ने महसा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के 3 दिन वाद 16 सितंबर को उनकी मौत हो गई। चश्मदीदों ने बताया कि गिरफ्तारी के वक्त महसा पूरी तरह ठीक थी। उन्हें पुलिस की गाड़ी में बेरहमी से पीटा गया। कुछ घंटे बाद परिवार को बताया गया कि महसा को दिल का दौड़ा आया और वो आईसीयू में हैं। ईरान की पुलिस ने पिटाई की बातों से इनकार किया।
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1979 में इस्लामी क्रांति के बाद से महिलाओं को अपने सिर और गर्दन को ढकने और अपने बालों को छुपाने के लिए कानून द्वारा बाध्य किया गया है। हालांकि, पिछले दो दशकों में, तेहरान और ईरान के अन्य प्रमुख शहरों में अधिक से अधिक महिलाएं विरोध के रूप में अपने बालों को अपने नकाब के बाहर रख रही हैं। हाल ही में, कुछ महिलाएं ऐसी तस्वीरें साझा कर रही हैं जो उन्हें हिजाब नियमों के विरोध में सिर पर स्कार्फ़ उतारती दिख रही हैं।
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