श्रीलंका की सत्ता को मिलकर संभालेंगे राजपक्षे परिवार के करण-अर्जुन
गोटबाया ने बुधवार को तब महिन्दा को प्रधानमंत्री पद के लिए नियुक्त किया जब मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने 16 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में अपने कनिष्ठ सजीत प्रेमदास की हार के बाद पद से इस्तीफा देने की घोषणा की।
कोलंबो। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे ने रानिल विक्रमसिंघे के औपचारिक इस्तीफे के बाद गुरुवार को देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। वह नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के भाई हैं। वह अगस्त 2020 में आम चुनाव होने तक कार्यवाहक मंत्रिमंडल के प्रधानमंत्री रहेंगे। महिन्दा राजपक्षे 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं। 2018 में वह कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री भी रहे थे।
Thank you Prime Minister @narendramodi. Let us continue to promote our shared partnership for peace and prosperity for both our countries and the region. https://t.co/BV248yIYAO
— Mahinda Rajapaksa (@PresRajapaksa) November 21, 2019
गोटबाया ने बुधवार को तब महिन्दा को प्रधानमंत्री पद के लिए नियुक्त किया जब मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने 16 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में अपने कनिष्ठ सजीत प्रेमदास की हार के बाद पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। इससे पहले, महिन्दा को 26 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।
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सिरिसेना ने एक विवादास्पद कदम के तहत विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया था जिससे देश में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया था। देश के उच्चतम न्यायालय के दो महत्वपूर्ण आदेशों के बाद महिन्दा ने 15 दिसंबर को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। महिन्दा राजपक्षे 1970 में 24 साल की उम्र में देश के सबसे युवा सांसद बने थे। अब वह 74 साल के हो चुके हैं। दोनों भाइयों-गोटबाया और महिन्दा ने निर्णायक कार्रवाई की जिसके तहत देश में लिट्टे के साथ तीन दशक से जारी गृहयुद्ध का खात्मा करने में मदद मिली।
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