अपने नागरिकों को वैक्सीन नहीं लगाने देगा तानाशाह किम, महामारी की रोकथाम के लिए उठाए सख्त कदम
उत्तर कोरिया किम ने टीकों की पेशकश ठुकराने के बाद महामारी की रोकथाम के लिए कड़ाई के निर्देश दिए है।केसीएनए ने बताया कि वायरस की रोकथाम के लिए तकनीकी उपायों, सामग्री और स्वास्थ्यकर्मियों की योग्यता बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए किम ने महामारी से अपनी शैली में निपटने का निर्देश दिया।
सियोल। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने संयुक्त राष्ट्र समर्थित टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम से कुछ विदेशी कोविड-19 रोधी टीकों की पेशकश को ठुकराने के बाद अधिकारियों को ‘‘अपनी शैली’’ में महामारी रोकथाम अभियान चलाने का आदेश दिया। ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने शुक्रवार को बताया कि बृहस्पतिवार को पोलित ब्यूरो की बैठक के दौरान किम ने कहा कि अधिकारियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि महामारी की रोकथाम के लिए कड़े उपाय करना सर्वोपरि है, जिसमें जरा भी ढिलाई नहीं होनी चाहिए।’’ केसीएनए ने बताया कि वायरस की रोकथाम के लिए तकनीकी उपायों, सामग्री और स्वास्थ्यकर्मियों की योग्यता बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए किम ने महामारी से अपनी शैली में निपटने का निर्देश दिया।
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किम इससे पहले उत्तर कोरिया के लोगों से कोविड-19 की पाबंदियों के लंबे समय तक बने रहने को लेकर तैयार रहने का आह्वान कर चुके हैं और उन्होंने बिगड़ती अर्थव्यवस्था एवं खाद्यान्न संकट के बावजूद सीमाओं के बंद रहने का संकेत दिया। उत्तर कोरिया ने वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कड़े पृथक-वास नियम लागू किए हैं और सीमाओं को बंद किया है, हालांकि संक्रमण मुक्त होने के उसके दावों को संदेह की नजर से देखा जाता है। यूनिसेफ ने मंगलवार को कहा कि उत्तर कोरिया ने उसे आवंटित करीब 30 लाख साइनोवैक टीके को उसके बजाय गंभीर रूप से प्रभावित देशों को देने का प्रस्ताव दिया। यूनिसेफ अपनी कोवैक्स पहल के तहत टीकों को खरीदकर प्रभावित देशों को आपूर्ति करता है। उत्तर कोरिया को कोवैक्स पहल के तहत एस्ट्रा जेनेका टीके की खुराक मिलने वाली थी जिसमें देरी हुई है।
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