काबुल में अदालत की मिनीबस पर निशाना, 10 की मौत

[email protected] । May 25 2016 5:40PM

एक आत्मघाती बम हमलावर ने अदालत के कर्मचारियों को ले जा रही एक मिनीबस को आज सुबह के व्यस्ततम समय पर निशाना बनाया। इस हमले में 10 लोग मारे गए।

काबुल। एक आत्मघाती बम हमलावर ने अदालत के कर्मचारियों को ले जा रही एक मिनीबस को आज सुबह के व्यस्ततम समय पर निशाना बनाया। इस हमले में 10 लोग मारे गए। यह जानकारी एक अफगान अधिकारी ने दी। तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। गृहमंत्रालय के उपप्रवक्ता नजीब दानिश ने कहा कि पैदल आए बम हमलावर ने शहर के पश्चिमी हिस्से में इस वाहन के पास जाकर अपने शरीर पर बंधे विस्फोटकों में विस्फोट कर दिया। यह हमला एक ऐसे समय पर हुआ है, जब तालिबान ने पाकिस्तान में शनिवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में मुल्ला अख्तर मंसूर की मौत के बाद अपने नए नेता को चुन लिया है। दानिश ने कहा कि आज के इस बम हमले में हताहत होने वाले लोगों में अदालत के कर्मचारी और नागरिक शामिल हैं। विस्फोट में चार लोग घायल भी हो गए। उन्होंने कहा कि मिनीबस पड़ोसी मैदान वरदक प्रांत के न्याय विभाग की थी और जिस समय इस पर हमला हुआ, यह कर्मचारियों को ले जा रही थी। इस हमले के एक घंटे के भीतर तालिबान ने इस बम हमले की जिम्मेदारी ले ली। सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई में तालिबान अक्सर सरकारी कर्मचारियों को अपना निशाना बनाता रहा है।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने मीडिया को एक ईमेल भेजकर हमले की जिम्मेदारी ली है। बयान में कहा गया, ‘‘यह हमला काबुल में छह निर्दोष कैदियों की हत्या का बदला है।’’ यहां दिया गया छह कैदियों का संदर्भ दरअसल काबुल की जेल में इस माह की शुरूआत में आतंकवाद के दोषी छह तालिबान सदस्यों को फांसी पर लटकाए जाने से जुड़ा है। राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय ने कहा कि उन्होंने ‘‘उन छह आतंकियों की फांसी को मंजूरी दी थी, जिन्होंने नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ संगीन अपराधों की साजिश रची थी।’’

फांसी की इन सजाओं को गनी ने मंजूरी दी थी। गनी ने वर्ष 2014 में युद्ध को समाप्त करने के वादे के साथ पद ग्रहण किया था। तालिबान ने फांसी के बाद, काबुल और अमेरिका पर प्रताड़ना और अमानवीय बर्ताव का आरोप लगाया। इसके साथ ही तालिबान ने ‘‘संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या’’ का भी आरोप लगाया। काबुल में बोला गया यह आत्मघाती हमला न्यायपालिका पर बोला गया अपनी तरह का दूसरा हमला है। मई की शुरूआत में अज्ञात हमलावरों ने एक न्यायाधीश की गोली मारकर हत्या कर दी थी। काबुल में पिछला बड़ा हमला 19 अप्रैल को बोला गया था। तब हुए भारी बम विस्फोट में 64 लोग मारे गए थे और सैंकड़ों लोग घायल हो गए थे। तालिबान ने उस बम हमले की भी जिम्मेदारी ली थी।

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