New York के गुरुद्वारे में भारत के राजदूत Taranjit Singh Sandhu के साथ खालिस्तान समर्थकों ने की धक्का-मुक्की
सूत्रों ने बताया कि कुछ उपद्रवियों ने उनके साथ धक्का-मुक्की करने की कोशिश की लेकिन सिख समुदाय के सदस्यों ने उन्हें बाहर निकाल दिया। संधू ने गुरुद्वारे में अपने बयान में सिख समुदाय के सदस्यों को आश्वासन दिया कि अमेरिका में भारतीय राजनयिक उन्हें सभी सहायता और समर्थन प्रदान करेंगे।
न्यूयॉर्क। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने गुरुपर्व के अवसर पर न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में एक गुरुद्वारे में अरदास की। गुरुद्वारे में खालिस्तान समर्थकों के एक समूह ने उनके साथ धक्का-मुक्की की लेकिन सिख समुदाय के सदस्यों ने उन्हें बाहर निकाल दिया। संधू ने रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, लॉन्ग आइलैंड के गुरु नानक दरबार में अफगानिस्तान की संगत सहित स्थानीय संगत के साथ गुरुपर्व मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस दौरान कीर्तन सुना, गुरु नानक के एकजुटता, एकता और समानता के शाश्वत संदेश के बारे चर्चा की, लंगर में शामिल हुआ और सभी के लिए आशीर्वाद मांगा। खालिस्तानियों के विरोध की आशंका के बीच संधू का हिक्सविले गुरुद्वारे में गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
Privileged to join the local Sangat, including from Afghanistan, at Guru Nanak Darbar of Long Island in celebrating Gurpurab- listened to Kirtan, spoke about Guru Nanak’s everlasting message of togetherness, unity, & equality, partook langar, and sought blessings for all. pic.twitter.com/i45M2TuSdf
— Taranjit Singh Sandhu (@SandhuTaranjitS) November 27, 2023
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सूत्रों ने बताया कि कुछ उपद्रवियों ने उनके साथ धक्का-मुक्की करने की कोशिश की लेकिन सिख समुदाय के सदस्यों ने उन्हें बाहर निकाल दिया। संधू ने गुरुद्वारे में अपने बयान में सिख समुदाय के सदस्यों को आश्वासन दिया कि अमेरिका में भारतीय राजनयिक उन्हें सभी सहायता और समर्थन प्रदान करेंगे। संधू के साथ इस मौके पर न्यूयॉर्क में महावाणिज्य दूत रणधीर जयसवाल और उप महावाणिज्य दूत वरुण जेफ भी थे। संधू ने भारत-अमेरिका साझेदारी में वृद्धि पर प्रकाश डाला जो स्वास्थ्य सेवा, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, नई उभरती प्रौद्योगिकियों, सेमीकंडक्टर या शिक्षा आदि क्षेत्रों से संबंधित है। इस अवसर पर गुरुद्वारा के सदस्यों और पदाधिकारियों ने भारतीय राजदूत का सम्मान किया।
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संधू ने सिख गुरुओं, सिखों और अफगानिस्तान के बीच ऐतिहासिक संपर्कों के बारे में भी विचार रखे। उन्होंने कहा कि अफगान सिखों ने दिखाया है कि प्रतिकूल स्थितियों का सामना कैसे करना है। संधू ने उल्लेख किया कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेने के बाद अगस्त 2021 में सिख धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब के तीन ‘सरूप’ काबुल से दिल्ली लाए गए थे। संधू के साथ खालिस्तान समर्थकों द्वारा धक्का-मुक्की करने की घटना के प्रसारित वीडियो के अनुसार, गुरुद्वारे में भ्रमण के दौरान कुछ खालिस्तान समर्थकों ने संधू को घेर लिया और इस वर्ष जून में कनाडा में मारे गए खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर के बारे में सवाल किए। इससे पहले, संधू ने एक अलग पोस्ट में कहा कि उन्होंने शनिवार को न्यूयॉर्क में श्री गुरु रविदास मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास के प्रसिद्ध ‘शबद’ में गुरु नानक देव जी का समानता और सभी के एक होने का संदेश है।
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