वो 19 पाकिस्तानी... रेस्क्यू ऑपरेशन करने वाले Marine Commandos पर जयशंकर का ऐलान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जिस तरह से लाल सागर और अरब सागर में समुद्री लुटेरों और हूती विद्रोहियों का खतरा बढ़ गया है। उसे देखते हुए भारतीय नौसेना ने दस जहाजों को इलाके में तैनात कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में भारत ने कई रेस्क्यू ऑपरेशन किए हैं। हमारे कमांडोज ने ईरान और पाकिस्तान के लोगों को जिंदा बचाया है।
इस वक्त पूरी दुनिया में भारत के मरीन कमांडोज यानी मार्कोस के जबरदस्त ऑपरेशन की चर्चा हो रही है। भारत के मरीन कमांडोज ने 19 पाकिस्तानियों को समुद्री लुटेरों से बचाया है। मरीन कमांडोज ने सोमालिया के पास एक बड़ा ऑपरेशन किया और 19 पाकिस्तानियों को मौत के मुंह से निकाल लिया। इस ऑपरेशन के बाद कई लोगों का कहना है कि पाकिस्तानियों को बचाकर भारत ने सही किया। वहीं कुछ का मानना ये भी है कि पाकिस्तान जैसे देश की मदद नहीं होनी चाहिए। इस पूरी घटना पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का बहुत बड़ा बयान सामने आया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बता दिया है कि भारत जैसे ताकतवर और महान देश को मुश्किल में फंसे पाकिस्तानियों की मदद करनी चाहिए थी या नहीं।
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जिस तरह से लाल सागर और अरब सागर में समुद्री लुटेरों और हूती विद्रोहियों का खतरा बढ़ गया है। उसे देखते हुए भारतीय नौसेना ने दस जहाजों को इलाके में तैनात कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में भारत ने कई रेस्क्यू ऑपरेशन किए हैं। हमारे कमांडोज ने ईरान और पाकिस्तान के लोगों को जिंदा बचाया है। विदेश मंत्री ने कहा कि ये भारत का धर्म है कि मुश्किल स्थिति में वो मोर्चा संभालेगा। अगर हमारे पड़ोस में कुछ हो रहा है और हम चुपचाप उसे देखते रहे तो एक अच्छे देश नहीं बन पाएंगे।
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भारतीय युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा ने 19 सदस्यीय पाकिस्तानी चालक दल के साथ अपहृत ईरानी ध्वज वाले मछली पकड़ने वाले जहाज अल नईमी को सोमालिया के पूर्वी तट से बचाया। 36 घंटों के भीतर इस तरह की दूसरी कोशिश को विफल कर दिया। नौसेना ने सेशेल्स और श्रीलंका को क्षेत्र में तीसरे अपहृत जहाज को रोकने में भी मदद की। हाल के दिनों में समुद्री डाकुओं द्वारा अपहृत या ड्रोन हमलों से प्रभावित कई व्यापारिक जहाजों को बचाने में नौसेना की त्वरित कार्रवाई का जिक्र करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत की अधिक क्षमता, हमारी अपनी रुचि और प्रतिष्ठा आज इस बात की गारंटी देती है कि हम वास्तव में कठिन परिस्थितियों में मदद करते हैं।
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