दो मौलवियों की हत्या करने वाले दोषी को सुनाई गई फांसी की सजा, पाकिस्तान के रास्ते अवैध रूप से ईरान में घुसा था
ईरान में मौलवियों की हत्या के दोषी व्यक्ति को फांसी दी गई।खबर के मुताबिक, ईरान के सर्वोच्च न्यायालय की ओर से हमले की जगह उत्तर-पूर्वी शहर मशहद में एक ‘रिवोल्यूशनरी अदालत’ द्वारा पहले सुनाए गए फैसले को बरकरार रखे जाने के बाद फांसी की सजा पर अमल किया गया।
तेहरान। ईरान में एक प्रतिष्ठित शिया धर्मस्थल पर चाकू से हमला कर दो मौलवियों की हत्या के दोषी व्यक्ति को सोमवार सुबह फांसी की सजा दी गई। देश के सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित खबर में यह जानकारी दी गई है। खबर के मुताबिक, ईरान के सर्वोच्च न्यायालय की ओर से हमले की जगह उत्तर-पूर्वी शहर मशहद में एक ‘रिवोल्यूशनरी अदालत’ द्वारा पहले सुनाए गए फैसले को बरकरार रखे जाने के बाद फांसी की सजा पर अमल किया गया। दोषी की पहचान अब्दुल लतीफ मोरादी के रूप में हुई है। अधिकारियों ने बताया कि मोरादी ने तीन मौलवियों को चाकू मारा था, जिनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य ने बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। शहर की इमाम रजा दरगाह में हुए इस हमले के बाद कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई थी।
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शिया मुसलमानों के प्रमुख तीर्थ स्थल पर हिंसा का यह एक दुर्लभ मामला था। हालांकि, ईरान की अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी ‘तसनीम’ ने कहा कि मोरादी एक उज्बेक नागरिक था, जिसने एक साल पहले पाकिस्तान के रास्ते अवैध रूप से ईरान में प्रवेश किया था। पुलिस ने हमले की वजह नहीं बताई थी। देश के तत्कालीन आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी ने इसे ‘‘आतंकवादी हमले’’ के रूप में वर्णित किया था और संकल्प जताया था कि ईरान अपराधियों और सभी ‘‘तकफीरियों’’ को नहीं बख्शेगा। ‘‘तकफीरी’’ सुन्नी चरमपंथियों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, जो अन्य मुस्लिमों को काफिर मानते हैं। हमले में सहयोग देने के आरोप में चार अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था।
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