दक्षिण सूडान में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए भारतीय शांतिरक्षकों की सराहना
दक्षिण सूडान में भारतीय शांतिरक्षकों ने लंबे समय से उपेक्षित पड़े मलकाल हवाई अड्डे के पुनर्निमाण का काम करके अपनी जिम्मेदारियों से इतर इलाके में आवश्यक बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराया।
संयुक्त राष्ट्र। दक्षिण सूडान में भारतीय शांतिरक्षकों ने लंबे समय से उपेक्षित पड़े मलकाल हवाई अड्डे के पुनर्निमाण का काम करके अपनी जिम्मेदारियों से इतर इलाके में आवश्यक बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराया। दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस) में काम कर रहे भारतीय शांतिरक्षकों ने क्षतिग्रस्त मलकाल हवाई अड्डे पर पुनर्निर्माण और मरम्मत का कार्य किया।
2013 में जब देश में संघर्ष भड़का था उस समय से रनवे काम नहीं कर रहा है और यहां बड़े गड्ढे हैं। ऐसी परिस्थितियों में शांतिरक्षकों को कई शाम और सप्ताहांत में हवाई अड्डे पर समय बिताना पड़ा है। कमांडिंग अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुप्रतिम दत्त ने विज्ञप्ति में कहा है, ‘‘यह परियोजना यहां हमारे नियमित काम के दायरे से बहुत दूर है, लेकिन हमने कार्य को हाथ में लिया और आगे बढ़े। हम परिणाम को लेकर बहुत खुश हैं।’
’उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में उन सभी की सबसे बड़ी चुनौती सड़क (हवाई पट्टी) बनाने की थी क्योंकि यह यहां सामान्य बात नहीं है।’’ दक्षिण सूडान में सड़क की हालत मुख्य रूप से खराब है ऐसे में वायु यातायात पर काफी निर्भरता है। जुबा से करीब 600 किलोमीटर उत्तर में स्थित है मलकाल तक सड़क मार्ग से जाना काफी दुर्गम है।
मलकाल हवाई अड्डे के प्रबंधक डेविड गारंग मंगोक ने शांतिरक्षण मिशन के साथ सतत संबंधों की सराहना की जिसने विमानन क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के रखरखाव के लिए काफी योगदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनके काम की अच्छी गुणवत्ता, समर्थन और सहयोग की सराहना करता हूं।’’।
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