चीनी आक्रामकता के खिलाफ भारतीय-अमेरिकी ने शिकागो में किया प्रदर्शन
पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रामकता के खिलाफ शिकागो में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों का प्रदर्शन किया।कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों और शिकागो शहर में लागूअन्य कदमों की वजह से प्रदर्शन में ज्यादा लोग शामिल नहीं हुए।शिकागो से एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी ने कहा, हमारा विरोध लेह में भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ के खिलाफ था।
वाशिंगटन। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के एक समूह ने शिकागो में चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर पूर्वी लद्दाख में बीजिंग की आक्रामकता के खिलाफ विरोध जताया। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों और शिकागो शहर में लागू अन्य कदमों की वजह से प्रदर्शन में ज्यादा लोग शामिल नहीं हुए। शिकागो से एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी डॉ. भरत बराई ने बृहस्पतिवार को कहा, “हमारा विरोध लेह में भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ के खिलाफ था।
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हम चीन को बताना चहाते हैं कि भारतीय-अमेरिकी शांत नहीं रहेंगे। आज पूरा विश्व भारत के साथ है।” उन्होंने कहा, “चीनी आक्रमकता को लेकर भारतीय-अमेरिकियों के बीच भारी आक्रोश है।” प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर थे, जिसमें भारत के खिलाफ आक्रमकता के लिए चीन और अन्य पड़ोसी देशों की निंदा की गई थी। भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेल ओल्डी में गतिरोध बना हुआ है। दोनों पक्ष 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसकों झड़पों के बाद पनपे तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर वार्ता कर रहे हैं।
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