‘बम्प स्टॉक’ रखने के मामले में भारतीय-अमेरिकी पर पहला मुकदमा
अमेरिकी न्याय विभाग ने बताया कि ढींगरा पर मशीन गन रखने सहित हथियार कानून उल्लंघन के चार आरोप लगाए गए हैं। दो मामले हथियार रखने को लेकर झूठी गवाही देने के हैं।
ह्यूस्टन। अमेरिका में प्रतिबंध के बावजूद राइफल में ‘बम्प स्टॉक’ लगाने के मामले में एक भारतीय-अमेरिकी को आरोपी बनाया गया है। पिछले साल ट्रंप प्रशासन की ओर से ‘बम्प स्टॉक’ पर रोक लगाए जाने के बाद यह पहला मामला है।भारतीय मूल के 43 वर्षीय अजय ढींगरा अगर दोषी करार दिए जाते हैं तो उन्हें 10 साल कैद और 2,50,000 डॉलर (करीब 1.8 करोड़ रुपये)का जुर्माना हो सकता है। अदालत ने उन्हें 12 सितंबर को पेश होने को कहा है।
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बम्प स्टॉक राइफल में लगाया जाने वाले वाला उपकरण है जिसकी मदद से अर्ध स्वचालित बंदूक से लंबे समय तक और जल्दी-जल्दी गोली चलाई जा सकती है। अमेरिकी न्याय विभाग ने बताया कि ढींगरा पर मशीन गन रखने सहित हथियार कानून उल्लंघन के चार आरोप लगाए गए हैं। दो मामले हथियार रखने को लेकर झूठी गवाही देने के हैं। जांच में पाया गया ढींगरा का एक मानसिक चिकित्सा संस्थान में इलाज चल रहा था और उसपर बंदूक या हथियार रखने पर रोक लगाई गई थी।
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प्रशासन को ढींगरा पर पिछले महीने उस समय शक हुआ जब उसने जॉर्ज डब्ल्यू वाशिंगटन फाउंडेशन को संदिग्ध संदेश भेजा। ढींगरा ने ईमेल में बुश से अपनी हत्या के लिए एक लड़के को भेजने को कहा। इसके बाद सीक्रेट सर्विस एजेंट जांच करते हुए ढींगरा के घर पहुंचे और वहां उन्हें 9 एमएम की 277 राउंड गोलियां, ग्लॉक पिस्तौल और बम्प स्टॉक से लैस कॉल्ट राइफल मिली। सीक्रेट सर्विस के एजेंट जब ढींगरा के घर आए तब उसने कथित तौर पर बताया कि उसका सीजोफ्रीनिया का इलाज चल रहा है।
ब्यूरो ऑफ अल्कोहॉल, टैबोको, फायरआर्म्स एंड एक्सप्लोसिव के मुताबिक प्रतिबंध के बाद टेक्सास में बम्प स्टॉक रखने का यह पहला मामला है।
ह्यूटन स्थित अमेरिकी अटॉर्नी ने बयान में कहा कि मार्च 2019 में लागू नए कानून के बाद अवैध तरीके से बम्प स्टॉक रखने का यह पहला मामला है। पिछले साल ट्रंप प्रशासन ने कई सामूहिक हत्याओं के बाद बम्प स्टॉक पर रोक लगाने का आदेश दिया था। साथ ही बम्प स्टॉक रखने वालों को तय अवधि से पहले इन्हें नष्ट करने को कहा था।
भाषा धीरज उमा
उमा
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