भारत, रूस और चीन ने 12 साल बाद की दूसरी त्रिपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीन के प्रधानमंत्री शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर विचार विमर्श के लिए शुक्रवार को त्रिपक्षीय वार्ता की।
ब्यूनस आयर्स। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीन के प्रधानमंत्री शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर विचार विमर्श के लिए शुक्रवार को त्रिपक्षीय वार्ता की। तीनों देशों के बीच करीब 12 साल बाद यह दूसरी त्रिपक्षीय वार्ता है। रूस, भारत और चीन की बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली त्रिपक्षीय बैठक की।
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Excellent meeting of the RIC (Russia, India, China) Trilateral.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 1, 2018
President Putin, President Xi Jinping and I discussed a wide range of subjects that would further cement the friendship between our nations and enhance world peace. pic.twitter.com/2KWd3YHHAe
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘विकास में महत्वपूर्ण भागीदारों के साथ संबंध प्रगाढ़। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, राष्ट्रपति चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्यूनस आयर्स में आरआईसी (रूस, भारत, चीन) त्रिपक्षीय वार्ता में हिस्सा लिया।'
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘ 12 साल के अंतराल में दूसरी बार रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय बैठक ब्यूनस आयर्स में हुई। सकारात्मकता और गर्मजोशी से लबरेज इस बैठक में नेताओं ने वैश्विक शांति और स्थिरता में योगदान देने वाले विषयों पर सहयोग और तालमेल पर चर्चा की। इससे पहले दिन में भारत, जापान और अमेरिका ने अपनी पहली त्रिपक्षीय बैठक में वैश्विक और बहुपक्षीय हितों के मुख्य मुद्दों पर चर्चा की।
2nd Russia-India-China 'RIC' Trilateral Summit took place in Buenos Aires after a gap of 12 years. In a meeting characterised by warmth and positivity, leaders discussed cooperation and coordination in various areas which could contribute to global peace and stability. pic.twitter.com/PksZklpWwA
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) November 30, 2018
सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन का अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिशों के बीच हुई इस चर्चा को बेहद अहम माना जा रहा है। इस बैठक में भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को साझा आर्थिक वृद्धि वाला क्षेत्र बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। मोदी ने जोर दिया कि भारत ‘साझा मूल्यों पर साथ काम करना जारी रखेगा। मोदी ने कहा, ‘‘ जब आप जापान, अमेरिका और भारत के नामों के पहले अक्षर पर जाएंगे तो यह जेएआई (जय) है और इसका मतलब हिंदी में सफलता होता है।'
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