मोदी-पुतिन वार्ता से पहले करोड़ों का रक्षा सौदा कर सकते हैं भारत और रूस
सूत्रों ने कहा कि रूस व भारत दोनों ही इस सौदे को मोदी व पुतिन के बीच शिखर वार्ता से पहले सिरे चढ़ाना चाहते हैं जो सितंबर या अक्तूबर में भारत में हो सकती है।
नयी दिल्ली। भारत एस 400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणालियां खरीदने के लिए रूस से करीब 40,000 करोड़ रुपये का समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अक्तूबर में होने वाली वार्षिक शिखर बैठक से पहले कर सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस सौदे के लिए बातचीत अंतिम दौर में है तथा कीमत व अन्य छोटे मोटे मुद्दों को लेकर मतभेदों को करीब करीब दूर कर लिया गया है। सूत्रों ने कहा कि रूस व भारत दोनों ही इस सौदे को मोदी व पुतिन के बीच शिखर वार्ता से पहले सिरे चढ़ाना चाहते हैं जो सितंबर या अक्तूबर में भारत में हो सकती है। उन्होंने कहा कि रूस व अमेरिका में जारी खींचतान के बावजूद भारत को पूरा भरोसा है कि इस सौदे को सिरे चढाया जाएगा।
भारत विशेषकर चीन के साथ अपनी 4000 किलोमीटर लंबी सीमा पर हवाई रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है। अमेरिका का विभिन्न दुश्मन देशों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कानून इस साल जनवरी में प्रभावी हो गया। इसके तहत अमेरिका उन इकाइयों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा जो रूस के रक्षा या आसूचना प्रतिष्ठानों के साथ सौदे करती पाई जाती हैं। अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मेटिस ने पिछले सप्ताह देश की संसद से अपील की कि भारत को प्रतिबंध से छूट दी जाए। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सौदे पर सीएएटीएस (अमेरिका के विरोधियों का व्यापार-प्रतिबंधों के माध्यम से सामना करने का अधिनियम) के तहत प्रतिबंध लगाने का नुकसान केवल अमेरिका को होगा।
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