नई शुरुआत करें भारत और पाकिस्तान, संकट को अवसर में बदलें: चीन
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में भारत के 40 जवान शहीद हो गए थे।
बीजिंग। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान को पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद एक दूसरे से समझौता करके शीघ्र नई शुरुआत करनी चाहिए और मौजूदा तनाव को संबंधों में दीर्घकालीन सुधार के अवसर में बदलना चाहिए। वांग ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वुहान शिखर सम्मेलन के बाद चीन पाकिस्तान के साथ अपने सदाबहार संबंधों के बावजूद भारत के साथ निकट संबंध विकसित करना चाहता है और ‘‘यांग्त्जी एवं गंगा’’ नदियों की तरह आगे बढ़ना चाहता है।
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में भारत के 40 जवान शहीद हो गए थे। भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था। इसके अगले दिन पाकिस्तानी वायुसेना और भारतीय वायुसेना के बीच हवाई संघर्ष के बाद पाकिस्तान ने भारत के पायलट अभिनंदन वर्तमान को पकड़ लिया था जिन्हें एक मार्च को भारत को सौंपा गया।
वांग ने कहा, ‘‘चीन उम्मीद करता है कि पाकिस्तान और भारत संकट को अवसर में बदलेंगे और एक दूसरे के साथ समझौता करेगे।’’
उन्होंने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव के संबंध में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में यह बात कही। उनसे पूछा गया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी के बीच पिछले साल हुए वुहान शिखर सम्मेलन की भावना को आगे ले जाने की चीन की क्या योजना है? वांग ने कहा, ‘‘हम दोनों पक्षों को सलाह देंगे कि वे शीघ्र नई शुरुआत करें और आपसी संबंधों में आधारभूत, दीर्घकालीन सुधार लाने की कोशिश करें। जब टकराव के बाद वार्ता होती है और असहमतियां दूर होती है, तो हम सहयोग के जरिए बेहतर भविष्य बना सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि हालिया घटनाक्रमों ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों की ओर दुनिया का ध्यान खींचा है। चीन ने दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव रचनात्मक भूमिका निभाई है। वांग ने कहा कि चीन ने मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘‘चीन ने तनाव बढ़ने से रोकने के लिए संयम बरतने, जो हुआ उसका पता लगाने और मामले को बातचीत से सुलझाने की आवश्यकता पर शुरुआत से बल दिया है।’’ वांग ने कहा, ‘‘इस बीच, देश की संप्रभुता और अखंडता का पूरा सम्मान किया जाना चाहिए। चीन ने अपनी मध्यस्थता में इस सिद्धांत का पालन किया और तनाव कम करने में रचनात्मक भूमिका निभाई।’’
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वांग ने कहा, ‘‘पिछले दो दिनों में भारत और पाकिस्तान ने तनाव कम करने और वार्ता शुरू करने की इच्छा का संकेत दिया है। हम इसका स्वागत करते हैं। पाकिस्तान और भारत पड़ोसी हैं और उन्हें हमेशा एक दूसरे के साथ रहना है।’’उन्होंने कहा, ‘‘चीन उम्मीद करता है कि दोनों देश साथ चलेंगे और एक साथ प्रगति करेंगे।’’ यह पूछे जाने पर कि चुनौतियों और पाकिस्तान के साथ उसके निकट संबंधों के मद्देनजर चीन की वुहान शिखर सम्मेलन के बाद भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की क्या योजना है, वांग ने कहा कि 2018 ‘‘चीन और भारत के संबंधों के लिए महत्वपूर्ण वर्ष’’ था।
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उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति शी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच वुहान में हुई ऐतिहासिक बैठक ने उच्च स्तरीय वार्ता का नया मॉडल बनाया। इससे दोनों नेताओं के बीच भरोसा बढ़ा है और भावी संबंधों की दिशा तय हुई है।’’ वांग ने कहा, ‘‘चीन दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंध मजबूत करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा जो कि मौजूदा परिदृश्य में बहुत महत्वपूर्ण है ताकि हमारी मित्रता एवं सहयोग यांग्त्जी और गंगा की तरह आगे बढ़े और हमारे संबंध मजबूत हों एवं निरंतर आगे बढ़े।
#India and #Pakistan should quickly turn the page following the #PulwamaTerrorAttack and convert the present tensions into opportunity for long term improvement in their relations, Chinese Foreign Minister Wang Yi said https://t.co/ZJBHVXtuaZ
— EconomicTimes (@EconomicTimes) March 8, 2019
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