इमरान खान लंबित मामलों में दोषी ठहराए गए तो उनकी पार्टी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है: रिपोर्ट

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पिछली सरकार में कानून और न्याय मंत्री रहे सीनेटर आजम नजीर तरार ने कहा कि सरकार देश को दिवालिया होने से बचाने के लिए संघर्ष कर रही थी और इस मामले में देरी करने का विकल्प चुना। सूत्रों ने कहा कि पीटीआई संस्थापक और वर्तमान में विचाराधीन मामलों में शामिल अन्य नेताओं को फैसला सुनाए जाने के बाद पीटीआई पर प्रतिबंध लगाना संभव हो जाएगा।

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य शीर्ष नेता नौ मई की हिंसक घटनाओं और गोपनीय राजनयिक दस्तावेजों के खुलासे को लेकर गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन से संबंधित मामलों में दोषी पाए जाते हैं तो उनकी पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। मीडिया की एक रिपोर्ट में रविवार को यह दावा किया गया। ‘सिफर’ मामले का संबंध गोपनीय राजनयिक दस्तावेजों के खुलासे से हैं। खान ने 27 मार्च, 2022 को एक सार्वजनिक रैली में अमेरिका का नाम लेते हुए दावा किया था कि यह उनकी सरकार को गिराने की एक ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ का सबूत है। पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के वित्तपोषण (फंडिंग) की कई वर्षों की जांच के बाद सर्वसम्मति से घोषणा की कि पार्टी को अगस्त 2003 में ‘निषिद्ध राशि’ प्राप्त हुई थी।

इससे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार के लिए पार्टी को भंग करने का अवसर मिल गया। ‘जियो न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, खान को संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस्लामाबाद में नौ मई, 2023 को अर्द्धसैनिक रेंजर्स द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। भ्रष्टाचार के एक मामले में खान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में रावलपिंडी में सेना मुख्यालय सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठान और राज्य भवन या तो क्षतिग्रस्त कर दिये गए या उनमें आग लगा दी गई। समर्थकों द्वारा नौ मई को की गई हिंसा के बाद पार्टी मुश्किल में पड़ गई। हमले के बाद के दिनों में सैकड़ों दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया और उन पर विभिन्न आरोपों में मामले दर्ज किये गये। पिछली शहबाज शरीफ सरकार का हिस्सा रहे उच्च पदस्थ सूत्रों ने शनिवार को ‘द न्यूज’ को बताया कि ईसीपी के फैसले ने उस समय की पीडीएम सरकार को पीटीआई को प्रतिबंधित इकाई घोषित करने के लिए पाकिस्तान की शीर्ष अदालत के समक्ष सवाल उठाने का अवसर प्रदान किया था, लेकिन सरकार ने बाद में उचित समय पर इस मामले को उठाने का विकल्प चुना।

पिछली सरकार में कानून और न्याय मंत्री रहे सीनेटर आजम नजीर तरार ने कहा कि सरकार देश को दिवालिया होने से बचाने के लिए संघर्ष कर रही थी और इस मामले में देरी करने का विकल्प चुना। सूत्रों ने कहा कि पीटीआई संस्थापक और वर्तमान में विचाराधीन मामलों में शामिल अन्य नेताओं को फैसला सुनाए जाने के बाद पीटीआई पर प्रतिबंध लगाना संभव हो जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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