इमरान खान के समर्थक नये सिरे से चुनाव को लेकर विरोध मार्च शुरू करने के लिए लाहौर में जुटे
नये सिरे से चुनाव कराने की मांग को लेकर विरोध मार्च शुरू करने के लिए लाहौर स्थित लिबर्टी चौक पर इमरान खान के सैकड़ों समर्थकों के जुटने के बाद शुक्रवार को पाकिस्तान में तनाव देखने को मिला। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लाहौर से इस्लामाबाद के लिए विरोध मार्च शुरू करने की तैयारी में हैं।
लाहौर/इस्लमाबाद। नये सिरे से चुनाव कराने की मांग को लेकर विरोध मार्च शुरू करने के लिए लाहौर स्थित लिबर्टी चौक पर इमरान खान के सैकड़ों समर्थकों के जुटने के बाद शुक्रवार को पाकिस्तान में तनाव देखने को मिला। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लाहौर से इस्लामाबाद के लिए विरोध मार्च शुरू करने की तैयारी में हैं ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके कि वह शीघ्र ही आम चुनावों की तिथि का ऐलान कर दे। मोटरसाइकिल पर सवार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के समर्थक पार्टी के झंडों के साथ मशहूर लिबर्टी चौक पर एकत्र हुए और वे ऐतिहासिक जीटी सड़क मार्ग के जरिये राजधानी की ओर बढ़ेंगे।
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पीटीआई प्रमुख इमरान खान (70 वर्ष) के इस्लामाबाद चार नवंबर को पहुंचने की योजना है। उन्होंने अपनी पार्टी को रैली आयोजित करने के लिए सरकार से औपचारिक अनुमति देने का अनुरोध किया है। उनकी पार्टी ने इस विरोध को ‘हकीकी आजादी मार्च’ नाम दिया है जिसका अर्थ है देश की असल आजादी के लिए मार्च। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वह रैली के बाद वापस चले जायेंगे या फिर संसद भवन के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे जैसा कि उन्होंने वर्ष 2014 में विरोध प्रदर्शन के दौरान किया था जब उनके समर्थकों ने संसद भवन के सामने 126 दिनों तक धरना दिया था।
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आयोजकों ने ऐलान किया था कि मार्च की शुरुआत सुबह 11 बजे होगी, लेकिन इसमें विलंब हो गया और यह नहीं पता है कि इसकी असल शुरुआत कब होगी। इस्लामाबाद में आंतरिक मामलों (गृह मंत्रालय) के मंत्री राणा सनाउल्लाह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नीत गठबंधन सरकार ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये हैं ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे। पीटीआई को आगाह किया गया है कि शांति व्यवस्था में गड़बड़ी के किसी भी तरह के प्रयास से कड़ाई के साथ निपटा जायेगा।’’ इसके जवाब में पीटीआई के महासचिव असद उमर ने लाहौर में मीडिया से कहा कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा और ‘अब से सभी निर्णय लोगों द्वारा लिये जाएंगे’। उन्होने कहा कि पार्टी ने निर्णय लिया है कि इस मार्च को मारे गये पत्रकार अर्शद शरीफ को समर्पित किया जायेगा।
देश में, केन्या में पत्रकार शरीफ के मारे जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चा है और सैन्य बलों पर अप्रत्यक्ष आरोप लगाये गये हैं। पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने लोगों से मार्च में शामिल होने की अपील की, भले ही वे पीटीआई से संबद्ध न हों। सरकार ने मार्च को खारिज कर दिया है। सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि देश ने ‘‘विदेशी वित्त पोषित, भड़काने वालों के अधीन होने से इनकार कर ‘खूनी मार्च’ को खारिज कर दिया था।’’ प्रस्तावित मार्च को लेकर पाकिस्तान का शेयर बाजार शुरुआती कारोबार के दौरान 200 अंक गिर गया।
इसके पहले इमरान खान ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि विरोध निजी या राजनीतिक हित के लिए नहीं है, बल्कि इसका मकसद देश को असल में आजादी दिलाना है। संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली का कार्यकाल अगस्त 2023 में पूरा होगा और नये चुनाव 60 दिनों के भीतर होने चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि आतंरिक मामलों के मंत्रालय (गृह मंत्रालय) ने प्रदर्शनकारियों को संसद भवन के पास रेड-जोन इलाके में नहीं घुसने देने के लिए पहले से ही इस्लामाबाद में 30 हजार के करीब पुलिस, रेंजर और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात करने का फैसला किया है। इस मार्च का ऐलान इमरान खान ने गत मंगलवार को किया था।
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