भारत कश्मीर संबंधी फैसले पर पुनर्विचार करे तो पाक अपने फैसले की समीक्षा को तैयार: शाह महमूद कुरैशी
नयी दिल्ली में बृहस्पतिवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा बुधवार को घोषित कदमों पर आक्रोश जताया और कहा कि जम्मू कश्मीर पर भारत का फैसला एक आंतरिक मामला है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत यदि कश्मीर पर अपने कदमों पर पुनर्विचार को राजी हो जाता है तो इस्लामाबाद उसके खिलाफ राजनयिक संबंधों को कमतर करने सहित अपने निर्णयों की समीक्षा करने को तैयार है। कुरैशी की यह टिप्पणी जम्मू कश्मीर पर भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान द्वारा भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित किए जाने के एक दिन बाद आयी है। पाकिस्तान ने यह भी घोषणा की कि वह भारत के साथ अपने ‘‘द्विपक्षीय प्रबंधों’’की समीक्षा करेगा। भारत ने पाकिस्तान से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। कुरैशी ने कहा, ‘‘क्या वे (भारत) अपने निर्णयों की समीक्षा को तैयार हैं? यदि वे करें तो, हम भी अपने निर्णयों की समीक्षा कर सकते हैं। समीक्षा दोनों ओर से होगी। यही शिमला समझौता कहता है।’’
اسلام آباد : مقبوضہ جموں و کشمیر صورتحال ، وزیر خارجہ شاہ محمود قریشی کی مختلف سفیروں کو بریفنگ. بھارت کی یکطرفہ طور پر مقبوضہ جموں و کشمیر کی آئینی حیثیت کو ختم کرنے کی کوشش کو ہم مسترد کرتے ہیں: شاہ محمود قریشی pic.twitter.com/Ft01C7JXFI
— Govt of Pakistan (@pid_gov) August 8, 2019
नयी दिल्ली में बृहस्पतिवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा बुधवार को घोषित कदमों पर आक्रोश जताया और कहा कि जम्मू कश्मीर पर भारत का फैसला एक आंतरिक मामला है। भारत ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को सोमवार को खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया था। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के फैसले को चुनौती देने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान सैन्य विकल्प पर विचार नहीं कर रहा है। इसकी जगह हम मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए राजनीतिक, कूटनीतिक और कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।’’ राजनयिक कर्मियों की संख्या में कमी और उनकी गतिविधियों को सीमित करने के विचार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ‘हां’ में जवाब दिया। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे इसे किस तरह करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान शिमला समझौते की कानूनी समीक्षा करेगा। शिमला समझौते पर 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फीकार अली भुट्टो ने दस्तखत किए थे।
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भारत हमेशा से कहता रहा है कि जम्मू कश्मीर उसका अभिन्न अंग है और मुद्दा देश का आंतरिक मामला है। कुरैशी ने कहा कि भारत के साथ द्विपक्षीय प्रबंधों की समीक्षा प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा गठित विशेष समिति द्वारा की जाएगी। उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि किन प्रबंधों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं है। उन्होंने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘नेहरू ने 14 अवसरों पर घोषणा की’’ कि ‘‘कश्मीर का भविष्य कश्मीर के लोगों की सद्भावना और राजी-खुशी से तय होगा।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाएगा और वह क्षेत्र में हालिया घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श के लिए जल्द ही चीन जाएंगे। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि कश्मीर ‘‘विवादित क्षेत्र’’ के रूप में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में रहा है। उन्होंने नयी दिल्ली के इस कथन को खारिज किया कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
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फैसल ने कहा, ‘‘भारत सरकार का कोई भी एकतरफा कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रतिष्ठापित अंतरराष्ट्रीय रूप से विवादित क्षेत्र के रूप में मान्य क्षेत्र की स्थिति को नहीं बदल सकता और न ही यह जम्मू कश्मीर तथा पाकिस्तान के लोगों को स्वीकार्य होगा।’’ उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में ले जाने की संभावना पर विचार कर रहे हैं। इससे पहले पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख राशिद अहमद ने घोषणा की कि समझौता ट्रेन सेवा रोक दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक मैं रेल मंत्री हूं तब तक समझौता एक्सप्रेस ट्रेन सेवा संचालित नहीं होगी।’’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद किए जाने संबंधी खबरें सही नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र बंद नहीं किया है...।’’
पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के प्रवक्ता मुज्तबा बेग ने कहा कि सभी उड़ानें पहले की तरह ही संचालित हो रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने न तो भारत के लिए अपना हवाईक्षेत्र बंद किया है और न ही भारतीय उड़ानों के लिए किसी हवाई मार्ग को बदला या बंद किया है।’’ मीडिया में खबरें थीं कि पाकिस्तान ने कुछ उड़ानों के लिए कुछ हवाई मार्गों में बदलाव किया है। बेग ने इससे संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच हालिया तनाव के बाद किसी भी मार्ग का पुनर्निर्धारण नहीं किया गया है।’’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि नयी दिल्ली के साथ कूटनीतिक संबंधों को कमतर करने के बावजूद करतारपुर पहल जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘करतारपुर मामले में हमारी प्रतिबद्धता बरकरार है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और लोगों से लोगों के बीच संपर्क में बाधा खड़ी नहीं करेंगे।’’ पाकिस्तान ने अपने यहां भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी है।
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