भारतीय सेना की क्षमता के सामने कितने पानी में है कनाडा? खालिस्तानियों के लिए भारत से दुश्मनी कर फंस गए ट्रूडो!

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prabhasakshi
अभिनय आकाश । Sep 19 2023 6:29PM

कनाडा को अमेरिका का तगड़ा सपोर्ट हासिल है। कनेडियन मिलिट्री और अमेरिकन मिलिट्री के बीच बहुत ही क्लोज कोऑपरेशन रहता है।

भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में खटास दिनों दिन बढ़ती जा रही है। कनाडा सरकार द्वारा भारत को तोड़ने की मंशा रखने वाले अलगाववादी ग्रुप खालिस्तान की खुलेआम गतिविधि पर कोई सख्त कदम न उठाने की वजह से बद से  बदतर होते जा रहे हैं। इस कड़ी में खालिस्तान समर्थक एक अलगाववादी नेता की जून में हुई हत्या के तार भारत से जुड़े होने का आरोप लगाकर एक भारतीय अधिकारी को कनाडा द्वारा निष्कासित किए जाने के कुछ ही घंटे बाद, भारत ने ‘जैसे को तैसा’ की कार्रवाई करते हुए एक कनाडाई राजनयिक को मंगलवार को निष्कासित करने की घोषणा कर दी। इससे पहले कनाडा ने भारत के साथ होने वाले भारत-कनाडा प्री-ट्रेड एग्रीमेंट को भी रोक दिया। 

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कनाडा के पास 20वीं  सबसे बड़ी आर्मी

कनाडा को अमेरिका का तगड़ा सपोर्ट हासिल है। कनेडियन मिलिट्री और अमेरिकन मिलिट्री के बीच बहुत ही क्लोज कोऑपरेशन रहता है। दोनों ही देशों की मिलिट्री ने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में विभन्न प्रकार के मिशन को एक साथ मिलकर अंजाम दिया है। लेकिन इस वजह से उसने अपनी मिलिट्री क्षमता को नजरअंदाज किया। 1968 में कनाडा की बनी फोर्स को कनाडियन आर्म्ड फोर्स कहा जाता है। इसके तीन विंग जल, थल और वायु में ऑपरेशन्स को अंजाम देने में प्रशिक्षित हैं। सेना की ताकत का आंकलन करने वाली ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2023 में सैन्य ताकत के मामले में भारत दुनिया में चौथे पायदान पर रहा। वहीं कनाडा की आर्मी 20वीं सबसे बड़ी सेना है। भारत के पास करीब 1.4 मिलियन सैनिक हैं जबकि कनाडा के पास केवल 71 हजार सैनिक ही हैं।  

 जमीनी ताकत                    भारत कनाडा 
 कुल सैनिकों की संख्या 14.5 लाख 71 हजार
 टैंक 4600 80
 सेल्फ प्रोटेल्ड आर्टिलरी 140 0
 टाउड आर्टिलरी 3300 60
 एमआरएल 1100 00

 नहीं मिल रहे भर्ती के लोग

भारत की तरफ से अपनी सेना पर करीब 69 बिलियन डॉलर का खर्च किया जा रहा है। वहीं कनाडा की तरफ से अपनी जीडीपी का बेहद ही छोटा हिस्सा सेना पर लगाया जा रहा है। ये करीब 36.7 बिलियन डॉलर के आसपास है। इसके अलावा कनाडा को सेना में भर्ती के लिए लोग भी नहीं मिल रहे हैं। पिछले साल ट्रूडो सरकार की तरफ से भी सेना में भर्ती के लिए युवाओं से अपील की गई थी। कनाडा ने शीत युद्ध के दौरान नाटो की संधि के तहत परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किया था। इस नियम के तहत कनाडा विकसित देश भी घातक हथियार के बगैर है। इसमें जिक्र है कि कनाडा पर कोई खतरा हुआ तो परमाणु संपन्न देश उसकी मदद करेंगे। 

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