हांगकांग अदालत ने पुलिस के निजी विवरण को प्रकाशित करने पर बैन लगाया
किसी की भी व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन जारी कर उसे प्रताड़ित किए जाने को ‘डॉक्सिंग’ कहा जाता है। पुलिस बल के वकीलों ने शुक्रवार को हांगकांग उच्च न्यायालय से लोगों का नाम, पता, जन्मतिथि और पहचान पत्र संख्या सहित अन्य व्यक्तिगत जानकारी प्रकाशित करने पर रोक लगाने की इजाजत मांगी।
हांगकांग। हांगकांग की अदालत ने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा डॉक्सिंग रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों और उनके परिवार के बारे में व्यक्तिगत विवरण प्रकाशित करने पर रोक लगा दी है। अर्ध-स्वायत्त चीनी शहर में पिछले पांच महीने से लोकतंत्र समर्थकों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई बार हिंसात्मक झड़पे देखने मिली। पुलिस बल ने बताया कि उनके कई अधिकारियों की निजी जानकारी इंटरनेट पर जारी कर दी गई, जिसके बाद उनके परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
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किसी की भी व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन जारी कर उसे प्रताड़ित किए जाने को ‘डॉक्सिंग’ कहा जाता है। पुलिस बल के वकीलों ने शुक्रवार को हांगकांग उच्च न्यायालय से लोगों का नाम, पता, जन्मतिथि और पहचान पत्र संख्या सहित अन्य व्यक्तिगत जानकारी प्रकाशित करने पर रोक लगाने की इजाजत मांगी। साथ ही उन्होंने पुलिस अधिकारीयों के फेसबुक और इंस्टाग्राम आईडी, उनके वहानों की नंबर प्लेट और किसी अधिकारी या उनके परिवार की किसी भी तस्वीर को सहमति के बिना प्रकाशित करने पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की।
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अदालत ने सुनवाई पुरी होने तक 14 दिन की निषेधाज्ञा प्रदान कर दी है। इस निषेधाज्ञा में यह स्पष्ट नहीं है कि इसे कैसे लागू किया जाएगा और यह पत्रकारों के काम को बाधित करेगी या नहीं। इस बीच, पुलिस ने कहा कि वे जनता के गुस्से और दुर्व्यवहार का सामना कर रही है, जिससे वे अपनों को बचाना चाहते हैं।
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