गोटबाया राजपक्षे ने प्रधानमंत्री मोदी को श्रीलंका आने का न्योता दिया
प्रधानमंत्री मोदी के साथ यहां हुई बातचीत के बाद संयुक्त बयान में राजपक्षे ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र शांति का क्षेत्र बना रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए हम भारत के साथ काम करते रहेंगे।
नयी दिल्ली। श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके द्वीपीय देश आने का न्योता दिया और कहा कि भारत उनके देश का बहुत पुराना मित्र है। मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें राजपक्षे ने (द्वीपीय देश में) राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद श्रीलंका आने का न्योता दिया है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के साथ उनके देश का संबंध बहुआयामी है, जिसमें सुरक्षा संबंधी मुद्दों को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने कहा कि जबकि अन्य देशों के साथ पहल और सहयोग की प्रकृति सामान्यत: आर्थिक एवं वाणिज्यिक हैं।
हैदराबाद हाउस में आज भारतीय प्रधान मंत्री, महामहिम नरेंद्र मोदी के साथ आयोजित बैठक में, मैंने उन्हें भारत-श्रीलंका संबंधों को मजबूत करने के लिए अपना पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया और अपने कार्यकाल में पहले शासनप्रमुख के रूप में उनको श्रीलंका आने का निमंत्रण दिया।@narendramodi pic.twitter.com/K9LwdkDKH2
— Gotabaya Rajapaksa (@GotabayaR) November 29, 2019
प्रधानमंत्री मोदी के साथ यहां हुई बातचीत के बाद संयुक्त बयान में राजपक्षे ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र शांति का क्षेत्र बना रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए हम भारत के साथ काम करते रहेंगे। उन्होंने भारत को श्रीलंका का एक बहुत पुराना मित्र बताया। राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंका का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद सरकार का प्रथम मुखिया होने के नाते मैं प्रधानमंत्री मोदी को अपने देश की यात्रा के लिए आमंत्रित करना चाहुंगा।
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राजपक्षे को उनकी जीत के लिए बधाई देते हुए मोदी ने कहा कि यह सम्मान की बात है कि उन्होंने द्वीपीय देश में राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद भारत को अपनी विदेश यात्रा के लिए चुना। उन्होंने कहा कि यह भारत और श्रीलंका के बीच मैत्री संबंधों की मजबूती और गतिशीलता का प्रतीक है। यह इस बात का भी संकेत है कि दोनों देश इन संबंधों को कितनी अहमियत देते हैं। दोनों नेताओं ने मछुआरों के मुद्दे पर भी चर्चा की जो दोनों देशों के बीच एक संवेदनशील मुद्दा है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा कि हमने मछुआरों के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की और हम अपने कब्जे में मौजूद भारत से संबद्ध नौकाओं को छोड़ने के लिए कदम उठाएंगे। राजपक्षे ने कहा कि सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के अलावा मोदी और उन्होंने यह भी चर्चा की कि आर्थिक मामलों के संबंध में दोनों देश कैसे एकसाथ मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने यह भी चर्चा की कि भारत दोनों देशों के बीच कारोबार में कैसे मदद कर सकता है। राजपक्षे देश के पूर्व रक्षा मंत्री रहे हैं, जिन्हें श्रीलंका में गृहयुद्ध खत्म करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने बेहद करीबी मुकाबले में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के अगले दिन 18 नवंबर को राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली।
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