श्रीलंका के 7वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे गोटबाया राजपक्षे
चुनाव आयोग ने बताया कि राजपक्षे (70 साल) ने प्रेमदास (52 साल) को 13 लाख से अधिक मतों से पराजित किया। वह राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के स्थान पर पांच वर्षों तक इस पद पर काबिज रहेंगे।
कोलंबो। श्रीलंका में गृहयुद्ध के दौरान विवादास्पद रक्षा सचिव रहे गोटबाया राजपक्षे देश के नये राष्ट्रपति होंगे। उन्होंने राजपक्षे परिवार की देश की सत्ता में फिर से वापसी का मार्ग प्रशस्त करते हुए सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदास को पराजित किया।
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चुनाव आयोग ने बताया कि राजपक्षे (70 साल) ने प्रेमदास (52 साल) को 13 लाख से अधिक मतों से पराजित किया। वह राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के स्थान पर पांच वर्षों तक इस पद पर काबिज रहेंगे। गोटबाया राजपक्षे सोमवार को अनुराधापुर में श्रीलंका के सातवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। राजपक्षे परिवार से राष्ट्रपति बनने वाले वह दूसरे सदस्य है। उनके बड़े भाई महिंदा राजपक्षे 2005 से 2015 तक राष्ट्रपति रहे थे। आयोग ने बताया कि राजपक्षे को 52.25 प्रतिशत (6,924,255) मत मिले जबकि प्रेमदास को 41.99 प्रतिशत (5,564,239) वोट प्राप्त हुए। अन्य उम्मीदवारों को 5.76 प्रतिशत वोट मिले।
चुनाव आयोग के अध्यक्ष महिंदा देशप्रिय ने कहा कि चुनाव में कुल मिलाकर लगभग 83.73 प्रतिशत मतदान हुआ था। अपनी जीत के बाद राजपक्षे ने अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण ढंग से जीत का जश्न मनाने की अपील की है। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल गोटबाया राजपक्षे ने ट्वीट किया, ‘‘हम श्रीलंका के लिए नई यात्रा शुरू कर रहे हैं, ऐसे में हमें यह याद रखना चाहिए कि श्रीलंका के सभी लोग इस यात्रा का हिस्सा हैं। आइए शांतिपूर्वक, गरिमा और अनुशासन के साथ उसी तरह जश्न मनाएं, जिस प्रकार हमने प्रचार किया था।’’
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गोटबाया ने चुनाव जीतने पर श्रीलंका के सबसे बड़े ऋणदाता चीन के साथ ‘‘संबंध बहाल’’ करने का वादा किया था। दूसरी तरफ प्रेमदास (52) को भारत एवं अमेरिका की तरफ झुकाव रखने वाले के तौर पर देखा जाता है। प्रेमदास ने निर्वाचन सचिवालय की ओर से परिणाम की आधिकारिक घोषणा से भी पहले चुनाव में हार स्वीकार करते हुए यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के उपनेता के पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया था।
सत्तारूढ़ यूएनपी के उम्मीदवार प्रेमदास ने कहा, ‘‘लोगों के निर्णय का सम्मान करना और श्रीलंका के सातवें राष्ट्रपति के तौर पर चुने जाने के लिए गोटबाया राजपक्षे को बधाई देना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं हमारे उन नागरिकों का आभारी हूं जिन्होंने मेरे लिए मतदान किया। मैं आभारी हूं कि आपने मुझ पर अपना भरोसा दिखाया। आपका समर्थन मेरे पूरे राजनीतिक करियर की ताकत का आधार रहा है।’’
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उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मतदाताओं के आज के फैसले के मद्देनजर मैंने यूएनपी के उपनेता के पद से तत्काल प्रभाव से हटने का फैसला किया है।’’ प्रेमदास को देश के तमिल बहुल उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में ज्यादा वोट मिले हैं। सिंहली बहुल जिलों में राजपक्षे आगे रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजपक्षे को बधाई दी और कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए तत्पर है। राजपक्षे ने भारत के लोगों और मोदी को धन्यवाद दिया।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भी राजपक्षे को बधाई दी। अनुमान है कि इस नतीजे के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे इस्तीफा दे सकते हैं। मौजूदा संसद को कम के कम अगले साल फरवरी से पहले भंग नहीं किया जा सकता। इस तरह विक्रमसिंघे को तब तक पद से हटाया नहीं जा सकता, जब तक वह इस्तीफा नहीं दे देते। ऐसा माना जा रहा है कि राष्ट्रपति बनने के बाद गोटबाया राजपक्षे अपने बड़े भाई महिंदा को प्रधानमंत्री नियुक्त करेंगे।
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महिंदा राजपक्षे ने चुनावी जीत पर अपने छोटे भाई को ट्विटर पर बधाई दी। उन्होंने एक ट्वीट किया, ‘‘मैं गोटबाया राजपक्षे को चुनाव 2019 में जीत के लिए बधाई देता हूं। हमारी मातृभूमि की सेवा करने के लिए यह एक लंबा अभियान है। शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न होने के लिए देश के नागिरकों को धन्यवाद।’’ महिंदा ने एक बयान में कहा कि नई सरकार के सबसे पहले कार्यों में से एक 2015 में अपनाये गये संविधान के 19वें संशोधन का अध्ययन करना है।
राष्ट्रपति सिरिसेना ने राजपक्षे की जीत को ‘‘ऐतिहासिक’’ बताया। उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘ऐतिहासिक जीत पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया आर को मेरी ओर से हार्दिक बधाई।’’ श्रीलंका में इस चुनाव से सात महीने पहले हुए आत्मघाती बम हमलों में 269 लोगों की मौत हो गई थी।
I am grateful for the opportunity to be the President, not only of those who voted for me, but as the President of all Sri Lankans. The trust you have invested in me is deeply moving and being your president will be the greatest honor of my life -Let’s put our vision into action! pic.twitter.com/0A58Sef8CE
— Gotabaya Rajapaksa (@GotabayaR) November 17, 2019
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