परमाणु समझौते से हटा ईरान, तमाम देशों के नेताओं ने की ईरान से यह अपील

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[email protected] । Jan 6 2020 11:24AM

जर्मनी,फ्रांस और ब्रिटेन के नेताओं ने ईरान से अपील की कि वह 2015परमाणु समझौते का उल्लंघन ना करे।ईरान ने परमाणु समझौते से पीछे हटने से संबंधित अपने पांचवें कदम को अंतिम रूप देने की घोषणा की है।दरअसल,ईरान ने शुक्रवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में बगदाद में मेजर जनरल सुलेमानी के मारे जाने के बाद बदला लेने का संकल्प लिया है।

बर्लिन। जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के नेताओं ने रविवार को ईरान से अपील की कि वह 2015 परमाणु समझौते का उल्लंघन ना करे। तेहरान के संवर्धन की सीमा का पालन ना करने की घोषणा करने के बाद इन देशों के प्रमुख नेताओं ने यह अपील की। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक संयुक्त बयान में कहा कि हम ईरान से उन सभी कदमों को वापस लेने की अपील करते हैं जो परमाणु समझौते के अनुरूप नहीं है।

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गौरतलब है कि ईरान के साथ हुए बहुपक्षीय समझौते से अमेरिका के पीछे हटने और उस पर फिर से प्रतिबंध लगाने के जवाब में ईरान ने परमाणु समझौते से पीछे हटने से संबंधित अपने पांचवें कदम को अंतिम रूप देने की घोषणा की थी। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने टेलीविजन पर प्रसारित बयान में कहा था, ‘‘ पांचवें कदम के संबंध में फैसला पहले ही किया जा चुका है... लेकिन मौजूदा स्थिति पर विचार किया जा रहा है। आज रात (रविवार रात) होने वाली अहम बैठक में कुछ अहम बदलाव किए जाएंगे। ’’

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दरअसल, ईरान ने शुक्रवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में बगदाद में मेजर जनरल सुलेमानी (62) के मारे जाने के बाद बदला लेने का संकल्प लिया है। इस हमले में इराक के हशद अल शाबी अर्द्धसैनिक बल के उप प्रमुख भी मारे गए हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि उसने अपने शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए कोई जवाबी कार्रवाई की, तो उस पर अब तक का सबसे जोरदार हमला किया जाएगा।दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देख नेताओं ने कहा, ‘‘ तनाव को कम करना जरूरी है। हम इसमें शामिल पक्षों से अत्यंत संयम और जिम्मेदारी से पेश आने की अपील करते हैं। ’’

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इराकी संसद के हजारों अमेरिकी सैनिकों को वापस भेजने का प्रस्ताव पारित करने के बाद, यूरोपीय नेताओं ने आईएस जिहादियों के खिलाफ लड़ाई को खतरे में नहीं डालने की अपील की। बयान में कहा, कि इस संदर्भ में (आईएस विरोधी) गठबंधन को बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है। हम इराक के अधिकारियों से गठबंधन को आवश्यक सहयोग देते रहने की मांग करते हैं। इराक में आईएस से लड़ने के लिए अमेरिकी सैनिकों को 2014 में इराकी सरकार द्वारा बुलाया गया था। इन तीनों नेताओं के फोन पर बातचीत करने के कुछ घंटे बाद यह बयान जारी किया गया।

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