पत्रकारों, विरोधियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर नजर रखने के लिए खरीदा गया था पेगासस!
एफबीआई ने एनएसओ ग्रुप से स्पाइवेयर ‘पेगासस’ खरीदने की पुष्टि की है।आलोचकों का हालांकि कहना है कि अगर कोई खास मकसद नहीं था तो प्रमुख अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसी को एक कुख्यात निगरानी उपकरण खरीदने की जरूरत आखिर क्यों पड़ी।
वाशिंगटन। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने एनएसओ ग्रुप से स्पाइवेयर ‘पेगासस’ खरीदने की पुष्टि की है। आरोप हैं कि इसका इस्तेमाल पत्रकारों, विरोधियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर नजर रखने के लिए लंबे समय से किया जा रहा है। एनएसओ, इज़राइल की एक सॉफ्टवेयर कम्पनी है। एफबीआई का कहना है कि ‘पेगासस’ खरीदने के पीछे उसकी मंशा ‘‘उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ कदम मिलाकर चलना था।’’ एजेंसी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि उसने इज़राइल की कम्पनी से ‘‘केवल उत्पाद परीक्षण और मूल्यांकन के लिए’’ एक सीमित लाइसेंस प्राप्त किया था और कभी भी किसी भी जांच के लिए इसका उपयोग नहीं किया।
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आलोचकों का हालांकि कहना है कि अगर कोई खास मकसद नहीं था तो प्रमुख अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसी को एक कुख्यात निगरानी उपकरण खरीदने की जरूरत आखिर क्यों पड़ी। एफबीआई के प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि एजेंसी ने एनएसओ समूह को कितना भुगतान किया या कब किया, लेकिन ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स ने पिछले सप्ताह एक खबर में दावा किया था कि 2019 में इसके परीक्षण के लिए 50 लाख डॉलर का भुगतान कर एक साल का लाइसेंस प्राप्त किया गया था।
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