पिता की थी सब्जी की दुकान, बेटा ने खड़ा कर दिया खतरनाक आतंकी संगठन, हिजबुल्ला के नेता हसन नसरल्लाह की कहानी
इज़राइल ने नसरल्लाह को आतंकवादी माना, और हिज़्बुल्लाह को कई देशों ने आतंकवादी संगठन नामित किया है।
इजरायल हिज्बुल्लाह के टॉप कमांडरों को चुन-चुनकर खत्म कर रहा है। शुक्रवार को हसन नसरल्ला को मारने के बाद अब इजराइल की सेना ने नबील कौक को मार गिराने की घोषणा की है। हसन नसरल्ला को इज़राइल ने पिछले हफ्ते एक हवाई हमले में मार डाला था। नसरल्ला 32 वर्षों से अधिक समय तक ईरान समर्थित सशस्त्र समूह और राजनीतिक दल हिजबुल्लाह का नेतृत्व कर रहा था। इज़राइल ने नसरल्लाह को आतंकवादी माना, और हिज़्बुल्लाह को कई देशों ने आतंकवादी संगठन नामित किया है।
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मुसावी, खुमैनी, हिज़्बुल्लाह
नौ बच्चों में सबसे बड़े नसरल्लाह का जन्म 1960 में हुआ था और वह बेरूत के गरीब पूर्वी बुर्ज हम्मौद पड़ोस में पले-बढ़े, जहां कई ईसाई अर्मेनियाई, ड्रूस, फिलिस्तीनी और शिया रहते थे। उनके पिता अब्दुल करीम, फल और सब्ज़ियों के विक्रेता थे, दक्षिणी लेबनान के बज़ौरियेह गांव से आए थे। परिवार विशेष रूप से धर्मनिष्ठ नहीं था, लेकिन नसरल्लाह को किशोरावस्था में ही धर्म में रुचि हो गई। वह ईरानी-लेबनानी मौलवी मूसा अल-सद्र की शिक्षाओं से प्रभावित थे, जिन्होंने अमल नामक शिया राजनीतिक दल की स्थापना की थी।
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नसरल्लाह कौन?
हिज्बुल्लाह का चीफ हसन नसरल्लाह था। हसन न सिर्फ हिज्बुल्लाह का प्रमुख नेता था, बल्कि मिडिल ईस्ट के सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में से एक था। उसने हिज्बुल्लाह को एक शक्तिशाली सैन्य संगठन के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। वह ईरान का निकट सहयोगी माना जाता था और हिज्बुल्लाह के समर्थकों के बीच उसका काफी सम्मान था। हसन नसरल्लाह का जन्म 1960 में बेरूत में हुआ था। पिता अब्दुल करीम सब्जी की छोटी दुकान चलाते थे। नसरैल्लाह 1970 के दशक में शिया मिलिशिया संगठन अमल में शामिल हो गया और इस तरह राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1982 में वह हिज्बुल्लाह का हिस्सा बना। 1992 में जब अब्बास अल-मुसावी मारा गया तो नसरल्लाह 32 की उम्र में हिज्बुल्लाह का नेता बन गया। नसरल्लाह की सोच शिया इस्लाम और इस्राइल के खिलाफ संघर्ष पर आधारित है। उसने 1985 में 'ओपन लेटर' में अमेरिका और सोवियत संघ को इस्लाम का शत्रु बताया था, और इस्राइल को 'मुस्लिम भूमि पर कब्जा करने वाला' कहा था। वह इस्राइल का विनाश चाहता था। नसरल्लाह ने हिज्बुल्लाह को सैन्य और राजनीतिक ताकत में बदलने में बेहद अहम भूमिका निभाई। उसके नेतृत्व में हिज्बुल्लाह ने 2000 में इस्राइल को दक्षिणी लेबनान से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। 2006 के इस्राइल-हिज्बुल्लाह वॉर में भी उसकी निर्णायक भूमिका दिखी थी, जिसमें उसने इस्राइल के खिलाफ बड़ी सैन्य कार्रवाइयां की। नसरल्लाह ने हिज्बुल्लाह को ईरान से हथियार और मिसाइलें दिलाने में भी भी मदद की।
टारगेट पर क्यों था?
हिज्बुल्लाह ने इस्राइल के खिलाफ अब तक कई हमले किए है। 2023 में इस्राइल-हमास संघर्ष के दौरान हिज्बुल्लाह ने भी इस्राइल पर हमले किए। इस्राइल भी कई बार हिज्बुल्लाह पर हमले किए। इनमें 1992 में इस संगठन के नेता अब्बास अल-मुसावी की हत्या भी शामिल है। चूंकि नसरल्लाह के नेतृत्व में हिज्बुल्लाह अधिक ताकतवर और इस्राइल के लिए बड़ा खतरा होता जा रहा था, इस्राइल ने नसरल्लाह को टारगेट किया।
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