भारत ने प्याज का निर्यात रोका तो बांग्लादेशी PM की रसोई पर पड़ा इसका असर
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि प्याज निर्यात पर भारत की ओर से अचानक प्रतिबंध लगा दिये जाने से उनके देशवासियों को थोड़ी दिक्कत हुई है।
नयी दिल्ली। भारत में प्याज के निर्यात पर रोक लगाए जाने का असर लगता है पड़ोसी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की रसोई घर पर भी पड़ा है क्योंकि उनका मानना है कि ऐसे निर्णय करने से पहले उनके देश को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए थी। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि प्याज निर्यात पर भारत की ओर से अचानक प्रतिबंध लगा दिये जाने से उनके देशवासियों को थोड़ी दिक्कत हुई है। उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि मुझे नहीं पता कि आपने प्याज (निर्यात) को क्यों रोक दिया है। तो क्या हुआ, मैंने ऐसा किया कि...मैने अपने रसोईये को कहा है कि खाने में प्याज का इस्तेमाल मत करो...ऐसे फैसलों के बारे में पहले से सूचना रहने पर मदद मिलेगी। अचानक आपने इसे रोक दिया और इससे हमारे लिए कठिनाई पैदा हो गयी है। भविष्य में, अगर आप ऐसा निर्णय कर रहे हैं तो पूर्व सूचना मदद करेगी।
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हसीना भारत बांग्लादेश व्यापार मंच को यहां संबोधित कर रही थीं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी इस समारोह में मौजूद थे। इसका आयोजन सीआईआई और एसोचैम ने किया था। पिछले रविवार को भारत ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था ताकि घरेलू बाजार में उसकी उपलब्धता बनी रहे और बढ़ती कीमतों को रोका जा सके । केंद्र ने खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए भी प्याज के स्टाक को सीमित कर दिया है। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के बारे में हसीना ने कहा कि बांग्लादेश के विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय व्यापारियों के लिए अपार संभावनायें हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया में उनके देश की सबसे उदार निवेश नीति है और इसमें कानून के द्वारा विदेशी निवेश की सुरक्षा, कर छूट, आयातित मशीनों पर ड्यूटी में रियायत, अप्रतिबंधित निकास नीति तथा बाहर निकलने पर लाभांश और पूंजी का पूर्ण प्रत्यावर्तन जैसी तमाम सुविधायें शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हम 100 विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) को स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं । उनमें से एक दर्जन के लगभग तैयार हैं। इनमें तीन देशों को चार क्षेत्र दिए गए हैं। बांग्लादेश ने भारतीय निवेशकों के लिए तीन क्षेत्र- मोंगला, भेरामारा और मिरसराई की पेशकश की है। बांग्लादेश में इन तीन भारतीय आर्थिक क्षेत्रों में भारतीय निवेशकों से पर्याप्त निवेश हमारे निर्यात आधार को व्यापक बनाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम में भारत के साथ, उत्तर में चीन और पूरब में दक्षिण-पूर्व एशिया में, बांग्लादेश चार अरब लोगों के संयुक्त बाजार के बीच में है। पिछले वर्षों के दौरान द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा में तेजी से वृद्धि हुई है। गोयल ने कहा कि भारतीय व्यवसायियों को पड़ोसी देश में मौजूद अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां दोनों देशों के व्यवसाय, सहयोग बढ़ा सकते हैं। बांग्लादेश जो अवसर पेश कर रहा है उसका लाभ उठाना चाहिए। गोयल ने कहा कि रेलवे क्षेत्र में भी बहुत संभावनाएं मौजूद हैं और भारत, बांग्लादेश में इस क्षेत्र के विकास में अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच तीन ट्रेनों के फेरे बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक बार कोलकाता और खुलना के बीच चलने वाली बंधन एक्सप्रेस को सप्ताह में दो बार और बाद में सप्ताह में चार दिन किया जाएगा। इसी तरह, कोलकाता और ढाका के बीच चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस का फेरा सप्ताह में चार दिन से बढाकर सप्ताह में पांच दिन किया जायेगा और ‘‘मेरा प्रयास इसे दैनिक बनाने का होगा।
India Bangladesh Business Forum was held today in presence of Bangladesh PM #SheikhHasina & CIM @PiyushGoyal with members of @CII @FICCI @ASSOCHAM and @fbccibd in attendance. Identifying new areas of economic engagement to enhance bilateral trade & investment was on the agenda. pic.twitter.com/Pq1ggTid0G
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) October 4, 2019
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