इस्लामाबाद में प्रभावशाली मौलाना के नेतृत्व में जुटे प्रदर्शनकारी, जाएगी इमरान की कुर्सी ?
जमियत नेताओं ने कहा कि रहमान का 31 अक्टूबर को इस्लामाबाद पहुंचने का कार्यक्रम था, लेकिन काफिले में सैकड़ों की संख्या में वाहनों के होने की वजह से रफ्तार धीमी हो गई इससे देर हुई।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एक प्रभावशाली धर्मगुरू यहां एक विशाल रैली के लिये शुक्रवार को यहां पहुंचे। प्रदर्शनकारी इमरान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। दक्षिणपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने 27 अक्टूबर को अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ दक्षिणी सिंध प्रांत से “आजादी मार्च” की शुरुआत की है। ये लोग खान पर 2018 के आम चुनावों में “गड़बड़ी” करने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री पर अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन, अक्षमता और कुप्रशासन का आरोप भी लगाया जिससे आम आदमी की मुश्किलें बढ़ गईं।
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जमियत नेताओं ने कहा कि रहमान का 31 अक्टूबर को इस्लामाबाद पहुंचने का कार्यक्रम था, लेकिन काफिले में सैकड़ों की संख्या में वाहनों के होने की वजह से रफ्तार धीमी हो गई इससे देर हुई। मौलाना ने सुक्कूर, मुल्तान, लाहौर और गुजरांवाला के रास्ते अपना सफर तय किया और शुक्रवार को तड़के इस्लामाबाद पहुंचे। उन्होंने रास्ते में अपने समर्थकों को बताया, “वह (प्रधानमंत्री खान) चुनावों में धांधली कर सत्ता में आए हैं। उन्हें स्पष्ट संकेत देखने चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए वर्ना हम उन्हें बाहर कर देंगे।” आज टीवी को दिए एक साक्षात्कार में रहमान ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं तो देश में “अव्यवस्था” फैलेगी।
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सुरक्षा संस्थाओं के मुताबिक “आजादी मार्च” में हजारों लोग हिस्सा ले रहे हैं। इस्लामाबाद में यह आंकड़ा और बढ़ गया क्योंकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन)और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) समेत विपक्षी दलों के समर्थक भी सरकार विरोधी इस प्रदर्शन में शामिल हो गए। यह प्रदर्शनकारी पेशावर मोड के निकट एक विशाल मैदान में रुके हुए हैं जहां विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने कार्यकर्ताओं को ठहराने के लिये तंबू लगा रखे हैं। यहां प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इमरान खान एक “कठपुतली” हैं और राष्ट्रअपना सिर एक “चयनित” प्रधानमंत्री और “उसका चयन करने वालों” के सामने झुकाने के लिये तैयार नहीं हैं।
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रहमान ने एक ट्वीट में सभी प्रदर्शनकारियों और विपक्षी नेताओं को उनके समर्थन के लिये शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि यह रैली अब शुक्रवार की प्रार्थना के बाद शुरू होगी और सभी वरिष्ठ विपक्षी नेता इसमें मौजूद होंगे। इस बीच पाकिस्तानी अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये हैं। मुख्य मार्गों को पूरी तरह या आंशिक तौर पर बंद कर दिया गया है। प्रमुख सरकारी इमारतों और राजनयिक क्षेत्र समेत ‘रेड जोन’ की तरफ प्रदर्शनकारियों को जाने से रोकने के लिये कंटीले तार लगाए गए हैं। अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। संवेदनशील जगहों पर सैनिकों को भी तैनात किया गया है।
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