भ्रष्टाचार के आरोप, पार्टी गेट, पिंचर स्कैंडल, वो घटनाक्रम जिसने बोरिस जॉनसन की PM पद से Exit की कहानी लिख दी
तमाम दावों, अटकलों और आशंकाओं पर विराम लगाते हुए बोरिस जॉनसन ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया। आखिरकार इसलिए क्योंकि उनके इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे थे। मंत्रिमंडल से 40 से ज्यादा मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया।
ब्रिटेन के पूर्व हो चुके प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की लगभग 3 साल की सत्ता, जो दिसंबर 2019 में शानदार जीत के साथ शुरू हुई थी। लेकिन घोटालों की एक सीरिज और उनकी ही पार्टी के भीतर से बढ़ती आलोचना ने उथल-पथल मचा कर रख दिया। कहा जा रहा था कि जॉनसन हर एक परेशानियों का डटकर सामना करेंगे। लेकिन तमाम दावों, अटकलों और आशंकाओं पर विराम लगाते हुए बोरिस जॉनसन ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया। आखिरकार इसलिए क्योंकि उनके इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे थे। मंत्रिमंडल से 40 से ज्यादा मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। वहीं गृह मंत्री प्रीति पटेल सहित मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री के करीबी जब उनके इस्तीफे की मांग करने लगे तो कोई चारा नहीं बचा। कुछ राजनीतिक जानकार वर्तमान के महाराष्ट्र संकट और उद्धव के पार्टी में बगावत से इस घटना की तुलना करने लगे। खैर, बातें हैं बातों का क्या? लेकिन आज बात उन वजहों की करेंगे जिसकी वजह से बोरिस जॉनसन के इस्तीफे की नौबत आ गई।
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भ्रष्टाचार के आरोप
संसदीय प्रतिमान आयोग ने एक जांच में पाया था कि पार्टी के सांसद ऑवेन पैटरसन ने लगातार दो कंपनियों की तरफ से मंत्रियों और अधिकारियों के बीच लॉबिंग की थी। इसके बदले उन्हें उन कंपनियों से प्रति वर्ष एक लाख डॉलर की फीस मिली। ब्रिटेन में सांसदों को कंसल्टेंट बनने की इजाजत है। लेकिन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पैटरसन को जो फीस मिली, वह सिर्फ कंसल्टेंसी के लिए नहीं थी। बल्कि वह लॉबिंग के लिए थी। उनकी लॉबिंग की वजह से रैनडॉक्स नाम की कंपनी को कोरोना जांच के लिए 13 करोड़ 30 लाख पाउंड का सरकारी ठेका मिला। इस आधिकारिक संस्था की रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि पैटरसन को दंड के रूप में 30 दिन के लिए संसद से निलंबित कर दिया जाए। इस सिफारिश में संसद में मतदान कराया गया। इसमें सिफारिश ठुकरा दी गई। इस घटना के बाद देश में सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी की कड़ी आलोचना हुई। इससे बने दबाव के बीच पैटरसन ने इस्तीफा दे दिया।
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पार्टीगेट कांड
मई 2020 में ब्रिटेन कोरोना की पहली लहर से जूझ रहा था। देशभर में लॉकडाउन लगा था। लोगों को कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करने के लिए कहा जा रहा था। उसी दौर में ब्रिटिश पीएम अपने घर और दफ्तर में पार्टी कर रहे थे। इतनी शराब पार्टी चली उनके दफ्तर में की कालीन तक बदलनी पड़ गई। जॉनसन ने बार-बार आरोपों से इनकार किया और कहा कि उनके या उनके सहयोगियों द्वारा कोई लॉकडाउन नियम नहीं तोड़ा गया है। 25 मई को वरिष्ठ सिविल सेवक सू ग्रे ने एक बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें डाउनिंग स्ट्रीट पर मई 2020 और अप्रैल 2021 के बीच 16 पार्टियों के विवरण और तस्वीरें सामने आईं। जॉनसन कथित तौर पर शराब वाली छह पार्टियों में मौजूद थे। देशभर में लॉकडाउन लगा था। लोगों को कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करने के लिए कहा जा रहा था। उसी दौर में ब्रिटिश पीएम अपने घर और दफ्तर में पार्टी कर रहे थे।
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क्रिस्टोफर पिंचर कांड
जॉनसन के नेतृत्व में विश्वास की कमी व्यक्त करते हुए उनके दो वरिष्ठतम मंत्रियों ट्रेजरी प्रमुख ऋषि सनक और स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने अपने पदों से इस्तीफा देने के बाद जॉनसन को 5 जुलाई को अपने नेतृत्व के लिए शायद सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। दरअसल, 30 जून को ब्रिटेन के समाचारपत्र 'द सन' ने एक रिपोर्ट छापी जिसमें दावा किया गया था कि सत्ताधारी कंज़र्वेटिव पार्टी के सांसद क्रिस पिंचर ने लंदन के एक प्राइवेट क्लब में दो मर्दों को आपत्तिजनक तरीक़े से छुआ। बोरिस जॉनसन ने इसी साल फ़रवरी में पिंचर को पार्टी का डिप्टी चीफ़ व्हिप नियुक्त किया था। 'द सन' की रिपोर्ट आने के बाद पिंचर को इस्तीफ़ा देना पड़ा। एपी ने बताया कि जॉनसन द्वारा पिंचर को नियुक्त करने के लिए टेलीविजन पर माफी मांगने के कुछ ही मिनट बाद मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। 1 जुलाई को ब्रिटेन सरकार ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री को पिंचर की नियुक्ति से पहले उन पर लगे किसी आरोप की कोई जानकारी नहीं थी। बाद में 4 जुलाई को प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने कहा कि बोरिस जॉनसन को ऐसे आरोपों की जानकारी थी जिनसे निपटा गया या जिनपर औपचारिक शिकायत नहीं हुई। जॉनसन पर 2019 में उनके खिलाफ यौन दुराचार के आरोपों के बारे में जानते हुए भी पिंचर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया गया है। 2015-2020 के बीच यूके के विदेश कार्यालय में सबसे वरिष्ठ सिविल सेवक साइमन मैकडोनाल्ड ने कहा कि पीएम को पिंचर के बारे में बताया गया था, जॉनसन ने जल्दी से अपना दावा बदल दिया और कहा कि मेरे पास एक शिकायत आई थी, मगर वो बहुत पुरानी बात है, और बस ज़ुबानी तौर पर कहा गया था...मगर ये कोई बहाना नहीं है, मुझे उस पर कार्रवाई करनी चाहिए थी।
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