कोरोना वायरस के डर में पाकिस्तान और नेपाल के नागरिक,अभी तक चीन में फंसे
चीन ने कोरोना वायरस प्रभावित वुहान शहर से अपने-अपने नागरिकों को नहीं निकालने के पाकिस्तान और नेपाल के फैसले का स्वागत किया है।भारत, अमेरिका, श्रीलंका, जापान और बांग्लादेश समेत कई देश अपने-अपने नागरिकों को वुहान से बाहर निकाल चुके हैं।
बीजिंग। चीन ने कोरोना वायरस प्रभावित वुहान शहर से अपने-अपने नागरिकों को नहीं निकालने के पाकिस्तान और नेपाल के फैसले का स्वागत किया है। चीन ने कहा कि उसने फंसे हुए विदेशी नागरिकों की चिंताओं को दूर करने के लिये प्रभावी कदम उठाए हैं। वुहान में अब भी पाकिस्तान और नेपाल के सैंकड़ों छात्र फंसे हुए हैं। उनमें से कुछ ने कहा है कि वे यह महसूस कर रहे हैं कि उनकी सरकारों ने उन्हें त्याग दिया है और वे चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत रखने के लिये उनकी कुर्बानी दे रही हैं।
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भारत, अमेरिका, श्रीलंका, जापान और बांग्लादेश समेत कई देश अपने-अपने नागरिकों को वुहान से बाहर निकाल चुके हैं। वहीं पाकिस्तान ने अपने नागरिकों को बाहर निकालने की अपीलों को ठुकरा दिया है। इससे पहले चीन में पाकिस्तान की राजदूत नगमाना हाशमी ने कहा था कि पाकिस्तानी छात्रों को वुहान से बाहर नहीं निकाला जाना चाहिये क्योंकि पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिये जरूरी चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं।
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हाशमी ने सात फरवरी को यहां एक सभा में कहा था कि हुबेई प्रांत में पाकिस्तान के एक हजार से अधिक छात्र हैं। इनमें से 729 छात्र प्रांत की राजधानी वुहान में हैं पाकिस्तानी और नेपाली छात्रों की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि चीन हुबेई प्रांत के वुहान में मौजूद सभी विदेशी नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को बहुत महत्व दे रहा है। उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ने के लिये चीन के साथ एकजुटता और पूरा सहयोग देने के पाकिस्तानी सीनेट के प्रस्ताव की भी सराहना की। गेंग ने कहा, चीन और पाकिस्तान पक्के दोस्त और सदाबहार रणनीतिक सहयोगी हैं। वहीं नेपाल ने भी अपने नागरिकों को बाहर निकालने को लेकर सकारात्मक रुख नहीं दिखाया है।
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