चीन ने पहली बार शांताउ शहर को आंशिक रूप से किया बंद
शहर के अधिकारियों ने बताया कि शांताउ से आ रहे लोगों की जांच की जाएगी और उनसे ‘‘वापस जाने का’’ अनुरोध किया जाएगा। इस बीच वैज्ञानिकों का कहना है कि मांसाहार के सेवन के कारण 17 साल पहले सामने आए पशुजनित सार्स (सीवियर एक्युट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) विषाणु के फिर से जागृत होने की आशंका है।
बीजिंग। चीन ने खतरनाक विषाणु कोरोनावायरस के प्रसार पर नियंत्रण के उद्देश्य से रविवार को दक्षिण शहर शांताउ को आंशिक रूप से बंद करने की घोषणा की। ऐसा पहली बार है जब विषाणु के केंद्र रहे वुहान के बाहर किसी शहर को बंद करने की घोषणा की गई है। मध्यरात्रि से गैर आपात वाहनों को शहर में जाने की अनुमति नहीं होगी। 56 लाख की आबादी वाला यह शहर वुहान से 1,100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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शहर के अधिकारियों ने बताया कि शांताउ से आ रहे लोगों की जांच की जाएगी और उनसे ‘‘वापस जाने का’’ अनुरोध किया जाएगा। इस बीच वैज्ञानिकों का कहना है कि मांसाहार के सेवन के कारण 17 साल पहले सामने आए पशुजनित सार्स (सीवियर एक्युट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) विषाणु के फिर से जागृत होने की आशंका है। उनका कहना है कि चीन की हालिया महामारी यह संकेत है कि मांसाहार के सेवन का चलन व्यापक रहा है और यह मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। बीमारी के स्रोत के रूप में चमगादड़ और कस्तूरी बिलाव की पहचान हुई है। विषाणु के संक्रमण से चीन में कई लोगों की मौत हुई है और करीब 2,000 लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
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रोग को लेकर अंतिम निष्कर्ष की घोषणा बाकी है। हालांकि चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि यह वुहान के मीट बाजार में अवैध रूप से बेचे गए मांस से आया है, जहां चूहे से लेकर भेड़ियों के बच्चों और बड़े सैलामैंडर समेत हर किस्म के जानवरों का मांस मिलता है। बीमारी की रोकथाम पर काम करने वाले वैश्विक एनजीओ इकोहेल्थ अलायंस के अध्यक्ष पीटर दस्जाक ने कहा कि कथित जंगली पशुओं के मांस और वन्यजीवों के पर्यावसों का अतिक्रमण हमें पशु विषाणु के काफी करीब ले आया है जो हमारी दुनिया में तेजी से फैल सकता है।
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