चीन ने अपने निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन के लिए दूसरे लैब मॉड्यूल का प्रक्षेपण किया

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चीन ने अपने निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन के लिए लैब मॉड्यूल ‘मेंग्शन’ का सोमवार को प्रक्षेपण किया। चीन के सबसे बड़े रॉकेट में शामिल लांग मार्च-5बी वाई4 द्वारा दक्षिणी द्वीपीय प्रांत हैनान के तटीय क्षेत्र पर स्थित वेनचांग अंतरिक्षयान प्रक्षेपण स्थल से इसे अंतरिक्ष में भेजा गया।

बीजिंग। चीन ने अपने निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन के लिए लैब मॉड्यूल ‘मेंग्शन’ का सोमवार को प्रक्षेपण किया। चीन के सबसे बड़े रॉकेट में शामिल लांग मार्च-5बी वाई4 द्वारा दक्षिणी द्वीपीय प्रांत हैनान के तटीय क्षेत्र पर स्थित वेनचांग अंतरिक्षयान प्रक्षेपण स्थल से इसे अंतरिक्ष में भेजा गया। सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार चीन के निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन के दूसरे लैब घटक के रूप में मेंग्शन मॉड्यूल में वैज्ञानिक उपकरणों का इस्तेमाल सूक्ष्म गुरुत्व का अध्ययन करने और द्रव भौतिकी, पदार्थ विज्ञान और मौलिक भौतिकी आदि में प्रयोग करने में किया जाएगा।

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इससे पहले भेजी गयी वेंशन प्रयोगशाला में जीवविज्ञान और अंतरिक्ष जीवन विज्ञान पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया था। मेंग्शन हाइड्रोजन क्लॉक, रूबीडियम क्लॉक और एक ऑप्टिकल क्लॉक को मिलाकर बनी शीत आणविक क्लॉक के दुनिया के पहले अंतरिक्ष स्थित सेट को भी लेकर रवाना हुई है। सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने हाल में बताया था कि चीन की विज्ञान अकादमी के तहत कार्यरत यूटिलाइजेशन डेवलपमेंट सेंटर ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग सेंटर फॉर स्पेस यूटिलाइजेशन के निदेशक झांग वेई ने कहा, ‘‘अगर शीत आणविक क्लॉक सफल रहती हैं तो यह अंतरिक्ष में सबसे सटीक समय बताएंगी जिसमें करोड़ों वर्ष में एक भी सैकंड इधर-उधर नहीं होगा।’’

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चीन इस समय अपने अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण कर रहा है और चीन के एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (सीएएसटीसी) की एक घोषणा के अनुसार इसका निर्माण इस साल पूरा होने की उम्मीद है। इसका निर्माण पूरा होने के बाद चीन एकमात्र ऐसा देश होगा जिसका कोई अंतरिक्ष स्टेशन होगा। रूस का अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) अनेक देशों की साझेदारी वाली परियोजना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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