तेज होगी चीन की धड़कनें, पड़ोस में पहुंच रहे मोदी, अब ड्रैगन को भारत से मिलेगा उसी की भाषा में जवाब
पीएम मोदी ने कहा कि मैं अगले सप्ताह भूटान की यात्रा के लिए मुझे आमंत्रित करने के लिए भूटान के महामहिम राजा और भूटान के प्रधानमंत्री को हार्दिक धन्यवाद देता हूं। टोबगे भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं, इस दौरान वह मुंबई भी जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने समकक्ष शेरिंग टोबगे के निमंत्रण पर अगले सप्ताह भूटान जाने की संभावना है, जिन्होंने अपनी चल रही भारत यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात की, जो इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा है। इस कार्यकाल में अपनी पहली विदेश यात्रा पर अपने मित्र और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से मिलकर खुशी हुई। हमारी अनूठी और विशेष साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर सार्थक चर्चा हुई।
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पीएम मोदी ने कहा कि मैं अगले सप्ताह भूटान की यात्रा के लिए मुझे आमंत्रित करने के लिए भूटान के महामहिम राजा और भूटान के प्रधानमंत्री को हार्दिक धन्यवाद देता हूं। टोबगे भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं, इस दौरान वह मुंबई भी जाएंगे। उनके आगमन से पहले, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा संरक्षण उपायों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भारत और भूटान के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी थी। एमओयू के हिस्से के रूप में, भारत का लक्ष्य ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा विकसित स्टार लेबलिंग कार्यक्रम को बढ़ावा देकर घरेलू क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने में भूटान की सहायता करना है। एक बयान में कहा गया है कि भारत का लक्ष्य मानकों और लेबलिंग योजना को विकसित करने और लागू करने के प्रयास में भूटान का समर्थन करना है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को अपने भूटानी समकक्ष शेरिंग टोबगे के साथ भारत और भूटान के बीच अद्वितीय और विशेष साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए सार्थक बातचीत की। करीब पांच महीने पहले भूटान के तत्कालीन विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से बातचीत की थी। बातचीत के संबंध में चीन के एक बयान में कहा गया था कि भूटान दृढ़ता से एक-चीन सिद्धांत का पालन करता है और सीमा मुद्दे के शीघ्र समाधान के लिए चीन के साथ काम करने और राजनयिक संबंध स्थापित करने की राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। सीमा विवाद को लेकर भूटान और चीन की बातचीत पर भारत की करीबी नजर है।
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