हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का स्तर चिंता का विषय: ऑस्ट्रेलियाई नेता पीटर डटन
भारत का कहना है कि सीमावर्ती इलाकों में जब तक शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद के बारे में पूछे जाने पर डटन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
ऑस्ट्रेलिया में प्रतिपक्ष के नेता पीटर डटन ने बुधवार को कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का स्तर चिंता का विषय है। भारत की यात्रा पर आए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व रक्षा मंत्री डटन ने संवाददाताओं से कहा, (चीन की) आक्रामकता का एक स्तर है जो चिंता का कारण है क्योंकि हम सभी हिंद-प्रशांत में निरंतर शांति की इच्छा रखते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि व्यापारिक संबंध समृद्ध के लिए जारी रहें, लेकिन ऑस्ट्रेलिया को कभी भी अपने मूल्यों को नहीं छोड़ना चाहिए या जिसे हम सही और न्यायसंगत मानते हैं उस पर बहस करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।’’
डटन ने चीन से सटी सीमा पर भारत के अनुभव के साथ ही दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन के अनुभव का भी उल्लेख किया। भारत और चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर तीन साल से अधिक समय से आमने सामने हैं, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी की है।
भारत का कहना है कि सीमावर्ती इलाकों में जब तक शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद के बारे में पूछे जाने पर डटन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की अगले सप्ताह चीन यात्रा पर, डटन ने कहा कि अल्बनीज ने स्पष्ट किया है कि उनके पास अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति शी (चिनफिंग) को देने के लिए कुछ कड़े संदेश हैं।’’ उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया का विपक्ष उन संदेशों को पहुंचाने में अल्बनीज़ का समर्थन करेगा।
डटन चार दिवसीय आर्थिक व्यापार प्रतिनिधिमंडल शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 20 शीर्ष ऑस्ट्रेलियाई उद्योगपतियों के साथ भारत की यात्रा पर हैं। आयोजकों के अनुसार, शिखर सम्मेलन का उद्देश्य शिक्षा, अंतरिक्ष, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल, वित्तीय प्रौद्योगिकी, रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में विकास और उत्पादकता को बढ़ावा देना है।
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