चीन पर असंतुष्टों को निशाना बनाने के लिए विदेशी ठिकानों का इस्तेमाल करने का आरोप

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स्पेन आधारित गैर-सरकारी समूह सेफगार्ड डिफेंडर्स ने पिछले महीने ‘‘110 ओवरसीज-चाइनीज ट्रांसनेशनल पुलिसिंग गॉन वाइल्ड’’ नामक एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जो विदेशी स्टेशनों पर केंद्रित थी।

द हेग। चीन ने कथित तौर पर दुनिया भर के देशों में दर्जनों ‘विदेशी पुलिस स्टेशन’ स्थापित किए हैं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को आशंका है किइसका इस्तेमाल भ्रष्टाचार के खिलाफ बीजिंग की कार्रवाई के हिस्से के तौर पर असंतुष्टों की पहचान और उत्पीड़न के लिए किया जा सकता है। दुनिया भर में चौकी स्थापित किये जाने संबंधी यह जानकारी विदेशों में रहने वाले चीनी नागरिकों पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभाव की चिंताओं को रेखांकित करती है। स्पेन आधारित गैर-सरकारी समूह सेफगार्ड डिफेंडर्स ने पिछले महीने ‘‘110 ओवरसीज-चाइनीज ट्रांसनेशनल पुलिसिंग गॉन वाइल्ड’’ नामक एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जो विदेशी स्टेशनों पर केंद्रित थी। नीदरलैंड सरकार ने कहा कि इस सप्ताह वह इस बात पर गौर कर रही है कि क्या नीदरलैंड में ऐसे दो स्टेशन - एक एम्स्टर्डम में एक वर्चुअल कार्यालय और दूसरा रॉटरडैम में एक भौतिक पते पर - स्थापित किए गए थे। 

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नीदरलैंड विदेश मंत्रालय ने एसोसिएटेड प्रेस को भेजे एक बयान में कहा, “हम इन तथाकथित पुलिस केंद्रों की गतिविधियों की जांच कर रहे हैं और मामले में अधिक स्पष्टता के बाद, हम उचित कार्रवाई के बारे में निर्णय लेंगे।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘हमें राजनयिक चैनलों के माध्यम से इन केंद्रों के बारे में सूचित नहीं किया गया है।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘अगर सेफगार्ड डिफेंडर्स द्वारा रिपोर्ट में उल्लेखित घटनाक्रम से नीदरलैंड के चीनी नागरिकों को धमकी दी जाती है तो यह एक बुरी बात है और सरकार की राय है कि इसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।’’ इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘चीनी सार्वजनिक सुरक्षा प्राधिकरण अंतरराष्ट्रीय कानून का सख्ती से पालन करते हैं और अन्य देशों की न्यायिक संप्रभुता का पूरा सम्मान करते हैं।’’ यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा ने पूछा है कि क्या यूरोपीय संघ के अन्य देश इस शिकायत से अवगत हैं कि चीन उनकी धरती पर पुलिस स्टेशन स्थापित कर रहा है, इस पर कहा गया है कि उसके पास विशेष जानकारी नहीं है। यूरोपीय आयोग ने कहा है कि यह सदस्य देशों पर निर्भर करता है कि वे इस तरह के आरोपों की जांच करें क्योंकि यह राष्ट्रीय संप्रभुता का मामला होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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