कुलभूषण जाधव को बड़ी राहत, मौत की सजा के खिलाफ अपील करने का मिला अधिकार
50 वर्षीय सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने जाधव को कांसुलर एक्सेस से इनकार करने और मौत को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था।
पाकिस्तान की जेल में बंद 50 वर्षीय सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को एक बड़ी राहत मिली है। बता दें कि, पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के अनुसार अपील करने का अधिकार देने के लिए संसद के संयुक्त सत्र में एक विधेयक पारित किया है।पाकिस्तान नेशनल असेंबली ने 10 जून गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले के संबंध में भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार देने के लिए विधेयक को अपनाया था। ICJ के फैसले ने विधानसभा को पुनर्विचार देने का निर्देश दिया था। साल 2020 में, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद कुलभूषण जाधव के मामले में ICJ के फैसले के मद्देनजर नेशनल असेंबली में एक अध्यादेश पेश किया और पिछले साल 20 मई को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस रिव्यू एंड रिकॉन्सिडरेशन ऑर्डिनेंस 2020 अधिनियमित किया गया था।
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कुलभूषण जाधव केस
50 वर्षीय सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने जाधव को कांसुलर एक्सेस से इनकार करने और मौत को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था। हेग स्थित ICJ ने जुलाई 2019 में फैसला सुनाया कि पाकिस्तान को जाधव की सजा और सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिए और बिना किसी देरी के भारत को कांसुलर एक्सेस प्रदान करना चाहिए।
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