महिलाओं के बारे में बाइडेन की सोच भी 'तालिबानी', कहा- सैन्य बल के माध्यम से अधिकारों की रक्षा करने की कोशिश तर्कसंगत नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ व्यवहार को लेकर देश-दुनिया द्वारा जताई जा रही चिंता को जरा भी तवज्यो नहीं देते हुए कहा कि सैन्य बल के माध्यम से दुनिया भर में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने की कोशिश तर्कसंगत नहीं है।
तालिबान का क्रूर चेहरा एक बार फिर से सामने आ रहा है। अफगानिस्तान में चरमपंथी संगठन तालिबान ने काबुल पर कब्जा करने के बाद देश के लोगों के लिए कुछ करने और उनकी जिंदगी सुधारने की बात कही है। लेकिन ये बात अफगानिस्तान में रह रहे लोगों के गले से नहीं उतर रही। खासकर महिलाओं के मामले में तालिबान का दावा कोरा साबित हो रहा है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के समय को लेकर बाइडन प्रशासन की तीखी आलोचना हो रही है। लेकिन इन सब बातों से बेपरवाह राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने फैसले को लगातार अपने बयानों के जरिये सही ठहराते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही महिला के अधिकारों की रक्षा को लेकर भी जतायी जा रही चिंता को भी तवज्जो नहीं दिया है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बावजूद उन्हें अन्य देशों में अल कायदा और उससे संबंधित समूहों से बड़ा खतरा नजर आता है। इसके साथ ही बाइडेन का मानना है कि अफगानिस्तान में अब भी अमेरिकी सैन्य शक्ति पर ध्यान केंद्रित रखना तर्कसंगत नहीं।
महिलाओं के अधिकारों की रक्षा पर दिया ये बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ व्यवहार को लेकर देश-दुनिया द्वारा जताई जा रही चिंता को जरा भी तवज्यो नहीं देते हुए कहा कि सैन्य बल के माध्यम से दुनिया भर में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने की कोशिश तर्कसंगत नहीं है।
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