अमेरिका जंग में उतर गया! बेलारूस खौफ से दहला, रूस का NATO पर सीधा हमला
यूक्रेन की रणभूमि में अमेरिका केउतरने का सीधा सीधा मतलब है आने वाले वक्त में दो सुपर पावर मुल्कों के बीच में महायुद्ध की शुरुआत। इन दोनों देशों के बीच जंग होती है तो यह केवल दोनों देशों के बीच सीमित नहीं रहेगी बल्कि विश्व युद्ध का आगाज हो सकता है।
क्या तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत हो चुकी है? पिछले 9 महीने से यूक्रेन की जंग अमेरिकी हथियारों के दम पर लड़ी जा रही है। लेकिन अब अमेरिकी सेना की वार जोन में डायरेक्ट एंट्री हो चुकी है। दुनिया के लिहाज से यह कतई अच्छी खबर नहीं है। बीते 9 महीने से इसी जंग को टालने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन अमेरिका ने यूक्रेन में अमेरिकी ट्रूप उतार दिया है। यूक्रेन की रणभूमि में अमेरिका केउतरने का सीधा सीधा मतलब है आने वाले वक्त में दो सुपर पावर मुल्कों के बीच में महायुद्ध की शुरुआत। इन दोनों देशों के बीच जंग होती है तो यह केवल दोनों देशों के बीच सीमित नहीं रहेगी बल्कि विश्व युद्ध का आगाज हो सकता है।
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क्या बीते 8 महीने से बाइडेन रूस के हथियारों को देखना, तोलना और कम करना चाहते थे? क्या यूक्रेन की बर्बादी पेंटागन की सोची-समझी रणनीति थी। यह सारे सवाल ताजा हालातों में जायज नजर आ रहा है। जब रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ था तो जो बाइडेन ने कहा था कि वह यूक्रेन की मदद करेंगे, हथियार देंगे लेकिन सीधे यूएस आर्मी इस जंग में नहीं एंट्री लेगी क्योंकि ऐसा होने का मतलब था कि रूस और अमेरिका आमने सामने आ जाते तो विश्वयुद्ध की शुरुआत मुमकिन थी। लेकिन 9 महीने में बैगन का सब्र जवाब दे गया है और इसलिए यूक्रेन में अमेरिकी सेना उत्तर गई है।
यूक्रेन की जमीन पर अमेरिकी सैनिक
रूसी मीडिया rt.com ने यूक्रेन में उतरे अमेरिकी ट्रिप को लेकर एक डिटेल रिपोर्ट पब्लिश की है। अमेरिकी सैनिक यूक्रेन की जमीन पर है। वह यहां नाटो हथियारों की डिलीवरी की निगरानी कर रहे हैं। पेंटागन के एक अधिकारी ने इसका खुलासा किया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है की वहां अमेरिका के कितने सैनिक है। अमेरिकी सैनिकों की टुकड़ी का नेतृत्व ब्रिगेडियर जनरल गैरिक हार्मोन कर रहे हैं।
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बेलारूस बना हुआ का नया सेंटर
पेंटागन में रूस के दोस्त बेलारूस पर हमले का पेपर वर्क हो चुका है पद्मनाभ यहां तक कि बेलारूस के पास रोमानिया और पोलैंड में अमेरिकी आर्मी ने अपने सबसे घातक टुकड़ी को भेज दिया है। जिससे बेलारूस टेंशन में है। इस बाबत सेंट पीटर्सबर्ग में रूस और बेलारूस के रक्षा मंत्रालय के बीच अहम बैठक हुई। बेलारूस पर हमले के लिए अमेरिका ने 2 बार प्लान तैयार किए हैं पहला लिट्रल स्ट्राइक और दूसरा न्यूक्लियर हमला। भाई जान यह विस्फोटक कदम इसलिए उठा नहीं जा रहे हैं ताकि उस सयम जाए और पुतिन परमाणु प्रहार ना कर पाएं। बेलारूस की स्टेट सिक्योरिटी कमेटी यानी केजीबी के डिप्टी हेड एवं टर्टल ने कहा कि अमेरिका बेलारूस पर बहुत बड़ा हमला करने वाला है। यह पोलैंड की तरफ से हो सकता है।
नाटो के रूसी सीमा के पास लामबंद होने से भड़के पुतिन
पुतिन के शीर्ष मंत्री सर्गेई शोइगु का कहना है कि रूस की पश्चिमी सीमाओं के पास तैनात नाटो बलों की संख्या 30,000 से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य ब्लॉक ने मध्य और पूर्वी यूरोप के साथ-साथ बाल्कन और बाल्टिक राज्यों में इकाइयों को बढ़ाया है। शोइगु ने कहा कि पश्चिमी ताकतों की एकाग्रता न केवल मास्को के लिए बल्कि रूस के सहयोगी बेलारूस के लिए भी एक सीधा खतरा है। जिसके बाद रूस ने भी इस तरह के उकसावे वाले प्रयास को विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा बताया है। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका को सीधी चेतावनी भी दी है कि इससे विनाश होगा।
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