भारतीय नौसैनिकों के फांसी वाले फरमान को पलटने वाले अमीर की होने वाली है ग्रैंड एंट्री, पीएम मोदी के साथ होगी द्विपक्षीय वार्ता

Amir
ANI
अभिनय आकाश । Feb 15 2025 7:55PM

देश में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों की मौजूदगी को देखते हुए दोनों देशों के बीच रिश्ते लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर भी आधारित हैं। कतर में लगभग 800,000 भारतीय नागरिकों के साथ, वे सबसे बड़े प्रवासी समुदाय का निर्माण करते हैं, जो चिकित्सा, इंजीनियरिंग, शिक्षा, वित्त और श्रम जैसे विभिन्न क्षेत्रों में योगदान करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी 17-18 फरवरी को भारत का दौरा करेंगे। कतर के अमीर की यात्रा दोनों पक्ष ऊर्जा क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने कि दिशा में अहम कदम होगा। कतर भारत का तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। कतर  भारत के वैश्विक एलएनजी आयात का 48% से अधिक प्रदान करता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कतर के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार लगभग 18.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। कतर के ऊर्जा मंत्री साद शेरिदा अल-काबी ने इस महीने की शुरुआत में भारत ऊर्जा सप्ताह के लिए भारत का दौरा किया था। अपनी यात्रा के दौरान, अल-काबी ने भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए कतर की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

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देश में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों की मौजूदगी को देखते हुए दोनों देशों के बीच रिश्ते लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर भी आधारित हैं। कतर में लगभग 800,000 भारतीय नागरिकों के साथ, वे सबसे बड़े प्रवासी समुदाय का निर्माण करते हैं, जो चिकित्सा, इंजीनियरिंग, शिक्षा, वित्त और श्रम जैसे विभिन्न क्षेत्रों में योगदान करते हैं। आगामी यात्रा तब हो रही है जब पश्चिम एशिया में स्थिति अनिश्चित बनी हुई है, लेकिन हमास और इज़राइल के बीच युद्धविराम की घोषणा के साथ उम्मीदें बढ़ गई हैं कि 2025 तक क्षेत्र में तनाव कम हो सकता है। 

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यह यात्रा पीएम मोदी की देश यात्रा के ठीक एक साल बाद हो रही है। यह यात्रा कतर द्वारा अपनी हिरासत में रखे गए 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को रिहा करने के कुछ दिनों बाद हुई है। आपको कुछ समय पहले की बात याद करा दें जब कतर में पूर्व भारतीय नौसैनिकी को फांसी की सजा सुनाई गई थी। बाद में भारत ने अपनी कूटनीति के बल पर न केवल फांसी की सजा को निरस्त करवाया  बल्कि भारतीयों की वापसी भी सुनिश्चित की। जहां कूटनीतिक मोर्चा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संभाला तो वहीं पूर्व नौसैनिकों की रिहाई से संबंधित नाजुक बातचीत पीएम मोदी की सलाह पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने की। कतर में मिले भारतीय पूर्व नौसैनिकों की फांसी को वहां के अमीर ही बदल सकने की क्षमता रखते थे।  इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर की सीधी मुलाकात की रणनीति बनाई गई। दुबई में जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की 1 दिसंबर 2023 को बातचीत हुई।

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