वाह उस्ताद वाह! ज़ाकिर हुसैन को श्रद्धांजलि देते हुए अमेरिकन एंबेसी ने शेयर किया दिल छू लेने वाला वीडियो

 Zakir Hussain
@USAndIndia
अभिनय आकाश । Dec 16 2024 12:10PM

एक्स पर दूतावास की पोस्ट में लिखा कि हमारे दिलों में हमेशा के लिए, वाह उस्ताद वाह! हम उस्ताद जाकिर हुसैन को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो एक सच्चे उस्ताद थे, जिन्होंने अमेरिका के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए उनके साथ बनाए गए इस विशेष वीडियो से दुनिया भर में लाखों दिलों को छू लिया।

अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में अंतिम सांस लेने वाले तबला वादक जाकिर हुसैन को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए भारत में अमेरिकी दूतावास ने कहा कि जाकिर एक सच्चे वादक थे जिन्होंने दुनिया भर में लाखों दिलों को छू लिया। दूतावास ने एक्स पर हुसैन की विशेषता वाला एक वीडियो पोस्ट किया, जो अमेरिका-भारत संबंधों के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए बनाया गया था। एक्स पर दूतावास की पोस्ट में लिखा कि हमारे दिलों में हमेशा के लिए, वाह उस्ताद वाह! हम उस्ताद जाकिर हुसैन को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो एक सच्चे उस्ताद थे, जिन्होंने अमेरिका के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए उनके साथ बनाए गए इस विशेष वीडियो से दुनिया भर में लाखों दिलों को छू लिया।

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प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन का अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके परिवार ने यह जानकारी दी। परिवार ने एक बयान में कहा कि हुसैन की मृत्यु फेफड़े संबंधी समस्या इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से उत्पन्न जटिलताओं के कारण हुई। वह 73 वर्ष के थे। हुसैन पिछले दो सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें आईसीयू में रखा गया था। हुसैन की बहन खुर्शीद औलिया ने कहा कि उन्होंने ‘‘सुकून के साथ अंतिम सांस ली। 

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छह दशकों के अपने करियर में, हुसैन ने कई प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय और भारतीय कलाकारों के साथ काम किया, लेकिन गिटारवादक जॉन मैकलॉघलिन, वायलिन वादक एल शंकर और तालवादक टीएच ‘विक्कू’ विनायक्रम के साथ 1973 में भारतीय शास्त्रीय संगीत और पश्चिमी जैज संगीत के तत्वों के उनके संलयन को काफी सराहा गया। हुसैन ने मात्र सात वर्ष की आयु से ही तबले पर हाथ आजमाना शुरू कर दिया था और आगे चलकर उन्होंने पंडित रविशंकर, अली अकबर खान और शिवकुमार शर्मा जैसे दिग्गजों सहित भारत के लगभग सभी प्रतिष्ठित संगीत कलाकारों के साथ काम किया। यो-यो मा, चार्ल्स लॉयड, बेला फ्लेक, एडगर मेयर, मिकी हार्ट और जॉर्ज हैरिसन जैसे पश्चिमी संगीतकारों के साथ उनके अभूतपूर्व संगीत ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाया। हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी पुरस्कार जीते, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे। भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हुसैन को 1988 में ‘पद्म श्री’, 2002 में ‘पद्म भूषण’ और 2023 में ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया। 

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