अफगानिस्तान में शांति वार्ता की दिशा में अमेरिका और तालिबान

america-and-taliban-in-the-direction-of-peace-talks-in-afghanistan
[email protected] । Aug 4 2019 5:44PM

अमेरिका और तालिबान दोहा में रविवार को वार्ता के दूसरे दिन अफगानिस्तान में 18 साल से चल रही जंग को खत्म करने के लिए समझौते पर पहुंचने के वास्ते अवरोधकों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। वर्ष 2001 में हमला कर तालिबान को सत्ता से उखाड़ फेंकने वाला अमेरिका अब अफगानिस्तान से अपने हजारों सैनिकों की वापसी और जंग का खत्मा चाहता है।

दोहा। अमेरिका और तालिबान दोहा में रविवार को वार्ता के दूसरे दिन अफगानिस्तान में 18 साल से चल रही जंग को खत्म करने के लिए समझौते पर पहुंचने के वास्ते अवरोधकों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। वर्ष 2001 में हमला कर तालिबान को सत्ता से उखाड़ फेंकने वाला अमेरिका अब अफगानिस्तान से अपने हजारों सैनिकों की वापसी और जंग का खत्मा चाहता है। लेकिन, सबसे पहले अमेरिका आतंकियों से आश्वासन चाहता है कि वे अलकायदा का साथ छोड़ दें और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी समूहों को रोकें।

इसे भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगान शांति वार्ता की सराहना की

शनिवार को शुरू हुई वार्ता के समापन कार्यक्रम की सार्वजनिक रूप से घोषणा नहीं की गई है। यह वार्ता अभी आठवें चरण में है। तालिबान के एक सूत्र ने बताया कि अफगानिस्तान मामलों के अमेरिकी दूत जलमय खलीलजाद और तालिबान के सह संस्थापक तथा संगठन की राजनीतिक इकाई के प्रमुख मुल्ला बरादर के बीच सीधी वार्ता आयोजित कराने की कोशिश की जा रही है। अफगानिस्तान में होने वाले चुनाव और अमेरिका में 2020 में प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव से पहले वाशिंगटन एक सितंबर तक तालिबान के साथ शांति समझौते की उम्मीद कर रहा है।

इसे भी पढ़ें: अमेरिका अफगानिस्तान से 5000 सैनिकों को वापस बुलाने की तैयारी में: रिपोर्ट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने बहुत प्रगति की है। हम बात कर रहे हैं।’’खलीलजाद ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘हम शांति समझौते पर बात कर रहे हैं, वापसी के लिए करार नहीं कर रहे।’’इस्लामाबाद में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ वार्ता के बाद दोहा पहुंचने पर उन्होंने ट्वीट किया। प्रगति के एक और संकेत के तौर पर अफगान सरकार ने तालिबान के साथ अलग शांति वार्ता के लिए एक टीम बनाई है और राजनयिकों को उम्मीद है कि इस महीने वार्ता हो सकती है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने रविवार को सिडनी के दौरे के दौरान कहा ‘‘ राष्ट्रपति ट्रम्प ने यह बिलकुल साफ कर दिया है कि उनकी इच्छा है कि हम एक कूटनीतिक संकल्प विकसित करें, जिससे हम वहां साजो-सामान को घटा पाएं साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि अफगानिस्तान फिर से ऐसा मंच न बने कि उसका इस्तेमाल आतंकवादी अमेरिका पर हमले के लिए करें। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़