अमेरिका और ईरान के पास तनाव कम करने का आखिरी मौका
मैक्रों ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प तेहरान नहीं जाएंगे, तो उन्हें यहीं मिलना होगा। उल्लेखनीय है कि 2015 में पश्चिमी देशों और ईरान के बीच एक परमाणु समझौता हुआ था। लेकिन पिछले साल अमेरिका एकपक्षीय तरीके से इससे अलग हो गया और ईरान की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले प्रतिबंध फिर से लगा दिये।
संयुक्त राष्ट्र। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके ईरानी समकक्ष हसन रूहानी के पास संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र के दौरान मुलाकात कर दोनों देशों के बीच कायम तनाव को खत्म करने का आखिरी मौका है। विश्वभर से नेता यूएनजीए में शिरकत करने न्यूयॉर्क पहुंचे हैं। रूहानी को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ बैठक के लिए ले जाते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा कि अगर वह (रूहानी) राष्ट्रपति ट्रम्प से मिले बिना देश से चले गए तो वह एक अवसर खो देंगे क्योंकि वह अगले कुछ महीने तक दोबारा नहीं आने वाले।
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मैक्रों ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प तेहरान नहीं जाएंगे, तो उन्हें यहीं मिलना होगा। उल्लेखनीय है कि 2015 में पश्चिमी देशों और ईरान के बीच एक परमाणु समझौता हुआ था। लेकिन पिछले साल अमेरिका एकपक्षीय तरीके से इससे अलग हो गया और ईरान की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले प्रतिबंध फिर से लगा दिये।
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मैक्रों वार्ता बहाल करने के रास्ते तलाश कर इस संकट को दूर करने के प्रयासों की कमान संभाले हुए हैं। उन्होंने ईरान के शीर्ष राजनयिक मोहम्मद जावेद जरीफ से पेरिस में वार्ता की थी। जी-7 के दौरान भी ईरान को एक संदेश भेजने की जिम्मेदारी मैक्रों को सौंपने गई थी। ट्रम्प ने हालांकि सोमवार को कहा था कि उन्हें मामले पर किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है और ईरान को पता है ‘‘फोन कैसे किया जाता है।’’
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