अमेरिकी बलों का लड़ाई में साथ देने वाले अफगान अधिकारी को काबुल से निकाला गया, पीछे पड़े थे तालिबानी
कांग्रेस के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ और राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में व्हाइट हाउस के अधिकारी रॉबर्ट मैकक्रियरी जिन्होंने अफगानिस्तान में विशेष बलों के साथ काम किया था, उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना और उसके सहयोगियों ने रात के अंधेरे में इस अभियान को अंजाम दिया।
काबुल। अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के साथ वर्षों तक काम करने वाले अफगान राष्ट्रीय पुलिस के हाई-प्रोफाइल अधिकारी मोहम्मद खालिद वरदाक के लिए समय बहुत कम बचा था। तालिबान उनकी तलाश में था और वह अपने परिवार के साथ काबुल में छिपे हुए थे। वरदाक लगातार जगह बदल रहे थे और ऐसे स्थान पर पहुंचने की बार-बार कोशिश कर रहे थे जहां से उन्हें उनके परिवार समेत सुरक्षित निकाला जा सके लेकिन उनकी कोशिश बार-बार नाकाम हो रही थी।
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पिछले कई दिनों में कम से कम चार बार देश से निकलने की कोशिश के बाद आखिरकार उन्हें परिवार समेत बुधवार को एक नाटकीय बचाव अभियान जिसे ‘ऑपरेशन वादा निभाया’ नाम दिया गया, में हेलिकॉप्टर की मदद से निकाला गया। कांग्रेस के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ और राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में व्हाइट हाउस के अधिकारी रॉबर्ट मैकक्रियरी जिन्होंने अफगानिस्तान में विशेष बलों के साथ काम किया था, उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना और उसके सहयोगियों ने रात के अंधेरे में इस अभियान को अंजाम दिया। दोस्तों के बीच खालिद नाम से पुकारे जाने वाले अधिकारी को निकाले जाने का यह प्रयास अमेरिकी सेना में उनके समर्थकों की अथाह कोशिशों के बाद किया गया जिनका कहना है कि वह एक भाई हैं जिन्होंने अनगिनत लोगों की जान बचाने में मदद की है और अगर तालिबान ने उन्हें ढूंढ लिया तो उनकी मौत निश्चित है। उन्होंने कांग्रेस के सदस्यों और रक्षा तथा विदेश मंत्रालय से मदद मांगी थी।
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