अफगान सरकार ने तालिबान शांति वार्ता में अमेरिका के ‘‘ईमानदार प्रयासों’’ की सराहना की
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तालिबान के साथ एक वर्ष से जारी शांति वार्ता को रोकने के बाद अफगानिस्तान सरकार ने अपने ‘‘सहयोगी के ईमानदार प्रयासों’’ की सराहना की है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अफगान सरकार अपने सहयोगी के ईमानदार प्रयासों की सराहना करती है और साथ ही स्थायी शांति स्थापित करने के लिए अमेरिका तथा अन्य सहयोगियों के साथ काम करने को प्रतिबद्ध है।’’
काबुल। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तालिबान के साथ एक वर्ष से जारी शांति वार्ता को रोकने के बाद अफगानिस्तान सरकार ने अपने ‘‘सहयोगी के ईमानदार प्रयासों’’ की सराहना की है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अफगान सरकार अपने सहयोगी के ईमानदार प्रयासों की सराहना करती है और साथ ही स्थायी शांति स्थापित करने के लिए अमेरिका तथा अन्य सहयोगियों के साथ काम करने को प्रतिबद्ध है।’’
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ट्रम्प के तालिबान और अफगानिस्तान के नेताओं के साथ रविवार को ‘कैम्प डेविड’ में होने वाली गोपनीय बैठक रद्द करने की घोषणा के बाद अफगानिस्तान सरकार की ओर से यह बयान जारी किया गया है। काबुल में पिछले सप्ताह हुई बमबारी के मद्देनजर अमेरिका ने यह कदम उठाया। ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘‘लगभग सभी को बिना बताए, प्रमुख तालिबान नेताओं और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के साथ रविवार को ‘कैम्प डेविड’ में अलग-अलग गोपनीय बैठक करनी थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से उन्होंने काबुल में किए हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें हमारे बेहतरीन सैनिकों में से एक की जान चली गई थी और अन्य 11 लोग घायल हो गए थे।’’
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैंने तत्काल इस बैठक को रद्द कर दिया और शांति वार्ता रोक दी।’’ गनी के कार्यालय ने कहा, ‘‘ हमने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि वास्तविक शांति तालिबान के अफगानिस्तान के लोगों को मारना बंद करने, संघर्ष विराम स्वीकार करने और अफगानिस्तान सरकार के साथ सीधे बातचीत करके ही स्थापित की जा सकती है।’’ ट्वीट के बाद से तालिबान के साथ कतर में करीब एक साल से जारी अमेरिका की वार्ता पर विराम लगता दिखाई दे रहा है। गौरतलब है कि अमेरिकी राजनयिक ज़लमी खलीलजाद अभी तक तालिबान के साथ नौ दौर की वार्ता कर चुके हैं। अफगानिस्तान में 28 सितम्बर को होने जा रहे राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले अमेरिका शांति समझौते पर वार्ता पूरी करना चाहता था।
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