9/11 हमले की 18वीं बरसी: आतंकवादी हमले में जान गंवाने वालों को किया गया याद
पीड़ितों के रिश्तेदार, पुलिस अधिकारी, दमकल कर्मी और शहर के नेता अमेरिकी धरती पर हुए इस भीषण हमले की 18वीं बरसी पर ‘नेशनल सितम्बर 11 मेमोरियल’ पर एकत्रित हुए।
न्यूयार्क। अमेरिका में 11 सितम्बर 2001 को अलकायदा द्वारा अपहृत विमानों को ट्विन टावरों से टकराकर किये गए हमले में मारे गए लगभग 3000 लोगों को याद करते हुए बुधवार को न्यूयार्क में श्रद्धांजलि दी गई। पीड़ितों के रिश्तेदार, पुलिस अधिकारी, दमकल कर्मी और शहर के नेता अमेरिकी धरती पर हुए इस भीषण हमले की 18वीं बरसी पर ‘नेशनल सितम्बर 11 मेमोरियल’ पर एकत्रित हुए। इन लोगों ने सुबह आठ बजकर 46 मिनट पर और सुबह नौ बजकर तीन मिनट पर कुछ पलों का मौन रखा। ठीक इसी समय पर अपहृत यात्री विमानों को नार्थ टावर एवं साउथ टावर से टकराया गया था।
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इस कार्यक्रम में शामिल हुए व्यक्तियों में न्यूयार्क के गवर्नर एंड्रयू क्योमो, मेयर बिल डी ब्लासियो आदि शामिल थे। लगभग चार घंटे चले इस कार्यक्रम में रिश्तेदारों ने इस हमले में मारे गए लोगों के नाम पढ़े। रिश्तेदारों ने एकदूसरे को गले लगाया और सांत्वना दी। कुछ लोगों ने मारे गए अपने प्रियजनों की तस्वीरों वाली तख्तियां ले रखी थीं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप ने पीड़ितों के परिवारों एवं हमले में जीवित बचे लोगों का व्हाइट हाउस में स्वागत किया। इन लोगों ने व्हाइट हाउस में कुछ देर का मौन रखकर दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
अलकायदा ने कुल चार विमानों का अपहरण किया था जिसमें से तीसरा विमान पेंटागन और चौथा ‘फ्लाइट 93’ पेंसिल्वानिया के शांक्सविले स्थित एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस बीच वाशिंगटन से प्राप्त खबर के अनुसार ट्रंप ने अफगानिस्तान में तालिबान को चेतावनी दी कि उसके खिलाफ अभूतपूर्व अमेरिकी सैन्य हमला जारी रहेगा। ट्रंप की ओर से यह चेतावनी उनके द्वारा तालिबान के साथ शांति वार्ता समाप्त करने के मात्र पांच दिन बाद आयी है।
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ट्रंप 11 सितम्बर के आतंकवादी हमले की 18वीं बरसी पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों के दौरान अमेरिकी बलों ने हमारे दुश्मनों पर अब तक का सबसे कड़ा प्रहार किया है और यह आगे भी जारी रहेगा। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने तालिबान के साथ गोपनीय शांति वार्ता रद्द करने का आदेश गत सप्ताह हुए उस बम हमले के जवाब में दिया था जिसमें एक अमेरिकी सैनिक मारा गया था। इसके बाद उन्होंने हमले का आदेश दिया था।
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