IFFI 2019 का समापन, फ्रेंच फिल्म पार्टिकल्स को मिला गोल्डन पीकॉक अवॉर्ड
सर्वश्रेष्ठ निदेशक का पुरस्कार मलयालम फिल्म ‘‘जलीकट्टू’’ के लिए लिजो जोस पेल्लीसेरी को प्रदान किया गया। इस फिल्म में दूरदराज के एक गांव की कहानी दिखायी गयी है, जहां एक भैंस के गायब होने के बाद घटनाएं किस प्रकार हिंसक मोड़ ले लेती हैं, वही इस फिल्म में दर्शाया गया है।
पणजी। फ्रांसीसी निर्देशक ब्लेज हैरीसन द्वारा निर्देशित और एश्ले फियालोन द्वारा निर्मित फिल्म ‘‘पार्टिकल्स’’ को यहां बृहस्पतिवार कोसंपन्न हुए 50वें अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्मोत्सव (इफ्फी) 2019 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए प्रतिष्ठित ‘गोल्डन पिकॉक’ पुरस्कार मिला। इस पुरस्कार के तहत 40 लाख रूपये की नकद राशि, गोल्डन पिकॉक ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। यह फिल्म किशोरावस्था के रहस्यों को समेटे हुए है। ब्लेज हैरीसन समारोह में उपस्थित नहीं थे और उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पुरस्कार के लिए ज्यूरी का धन्यवाद किया और कहा कि इससे उन्हें भविष्य में और बेहतर फिल्में बनाने का आत्मविश्वास और ताकत मिलेगी।
The Stalwarts of Indian Cinema, Shri #PremChopra, Shri #Ilaiyaraaja, #ManjuBorah, #AravindSwamy and #HaobamPabanKumar felicitated at #IFFI2019 Closing Ceremony.#IFFI50 #IFFI2019 pic.twitter.com/o8giGGIEoh
— PIB India (@PIB_India) November 28, 2019
सर्वश्रेष्ठ निदेशक का पुरस्कार मलयालम फिल्म ‘‘जलीकट्टू’’ के लिए लिजो जोस पेल्लीसेरी को प्रदान किया गया। इस फिल्म में दूरदराज के एक गांव की कहानी दिखायी गयी है, जहां एक भैंस के गायब होने के बाद घटनाएं किस प्रकार हिंसक मोड़ ले लेती हैं, वही इस फिल्म में दर्शाया गया है। सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार के तहत पेल्लीसेरी को सिल्वर पिकॉक ट्राफी, प्रशस्ति पत्र और 15 लाख रूपये की नकद राशि प्रदान की गयी।
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सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार ब्राजीलियाई फिल्म ‘‘मैरीगेला’’ में एक क्रांतिकारी के करिश्माई चरित्र को परदे पर उतारने के लिए सियू जार्ज को प्रदान किया गया। इसी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार ‘‘माई घाट : क्राइम नंबर 103/2005’’ के लिए उषा जाधव को प्रदान किया गया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार के तहत दस . दस लाख रूपये की नकद धनराशि, सिल्वर पिकॉक ट्राफी और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। ज्यूरी के विशेष पुरस्कार की श्रेणी में निर्देशक और पटकथा लेखक पेमा त्सेदान को उनकी फिल्म ‘‘बैलून’’ के लिए प्रदान किया गया।
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यह फिल्म तिब्बत के घास के मैदानों में रहने वाले एक परिवार की कहानी है। फिल्म सवाल उठाती है कि जीवन और मौत के चक्र में किस चीज की अहमियत अधिक है, आत्मा की या वास्तविकता की? वेनिस में 2019 में इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर किया गया था। पुरस्कार के तहत 15लाख रूपये की नकद राशि, सिल्वर पिकॉक ट्राफी और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। किसी फिल्म निर्देशक की पहली श्रेष्ठ फिल्म श्रेणी का पुरस्कार अमीन सिदी बोमिदियन को उनकी फिल्म ‘अबू लैला’ और मैरियर ओल्टेन की ‘मॉन्स्टर्स’ को प्रदान किया गया। इसके तहत विजेता निर्देशकों को 10 लाख रूपये की नकद राशि, सिल्वर पिकॉक ट्राफी और प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया।
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अभिषेक शाह की ‘‘हेलारो’’ को ज्यूरी के विशेष उल्लेख श्रेणी के तहत पुरस्कृत किया गया। ज्यूरी का फिल्म के बारे में कहना था कि फिल्म भले ही आज से 45 साल पहले के समय को लेकर बनायी गयी है लेकिन फिल्म में महिला सशक्तिकरण को लेकर दर्शाया गया मुद्दा आज भी प्रासंगिक है। इफ्फी समापन समारोह में गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे सहित फिल्म जगत की जानी मानी हस्तियां मौजूद थीं। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति के साथ 20नवंबर से शुरू हुआ इफ्फी समारोह आज संपन्न हो गया।
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