Diet In Asthma: अस्थमा के मरीजों के लिए यह डाइट है बिलकुल परफेक्ट, भूलकर भी ना करें इन चीजों का सेवन

Diet In Asthma
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अस्थमा के मरीजों की संख्या दुनियाभर में काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत और खांसी आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि अस्थमा के मरीजों के लिए अच्छी डाइट क्या होती है।

अस्थमा के मरीजों की संख्या दुनियाभर में काफी तेजी से बढ़ रही है। अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत और खांसी जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इस बीमारी के प्रित जागरुक रह कर अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा सकता है। कई बार इस बारे में जानकारी ना होने पर हम ऐसे फूड्स का सेवन करते हैं, जिनसे अस्थमा के लक्षण बढ़ जाते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए आपको बताने जा रहे हैं कि अस्थमा के रोगियों को किस तरह की डाइट लेनी चाहिए। साथ ही किन चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए।

अस्थमा के लक्षण

अस्थमा के लक्षणों में घबराहट, बेचैनी, थकना, सीने में दर्द, सीने में जकड़न, सांस का फूलना, सीने में दर्द, इंफेक्शन, सांस का फूलना, लगातार खांसी होना, घबराहट या बेचैनी आदि होना शामिल है।

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डाइट में शामिल करें ये फूड्स

ताजे फल और सब्जियां

अस्थमा के मरीजों को ताजे फल और सब्जियां जरूर खानी चाहिए। इनके रोजाना सेवन से अस्थमा के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। ताजे फल व सब्जियों में कैलोरी की कम मात्रा पायी जाती है। साथ ही यह आपके फेफड़ों को भी हेल्दी रखने में सहायक होते हैं। अस्थमा के मरीजों को अपनी डाइट में पत्तेदार साग, खरबूजे, केला, ब्रोकली, जामुन और एवाकाडो आदि को शामिल करना चाहिए। 

मैग्नीशियम रिच फूड्स

अस्थमा के मरीजों के लिए मैग्नीशियम काफी ज्यादा जरूरी माना जाता है। मैग्नीशियम रिच फूड्स के सेवन से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। इसलिए अपनी डाइट में मैग्नीशियम युक्त फूड्स जैसे डार्क चॉकलेट, पालक, कद्दू के बीज और सैमन आदि को शामिल करना चाहिए। 

साबुत अनाज

साबुत अनाज का सेवन करने से अस्थमा के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसलिए आपको अपनी डाइट में जई की दलिया, गेहूं से बनी ब्रेड आदि शामिल करना चाहिए। 

विटामिन-डी 

अस्थमा के दौरे कम करने के लिए विटामिन-डी को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके लिए आप संतरे का जूस और दूध आदि का सेवन कर सकते हैं। 

विटामिन ई

विटामिन ई में पाया जाने वाला टोकोफेरोल एक शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट गुण है। यह अस्थमा के लक्षणों खांसी और घरघराहट को कम करने में मदद करता है। इसलिए विटामिन ई की पूर्ति के लिए अस्थमा के मरीजों को अपनी डाइट में ब्रोकली, गोभी और सरसों का साग आदि शामिल करना चाहिए। 

विटामिन ए

विटामिन एक का सेवन करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है। इसलिए विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे टमाटर, गाजर, और पत्तेदार सब्जियां जैसे रोमेन लेट्यूस, केल और पालक का अधिक सेवन करना चाहिए।

ना खाएं ये चीजें

जिन खाद्य पदार्थों को खाकर गैस व सूजन आदि की समस्या हो सकती है, ऐसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। अस्थमा के मरीजों के लिए पत्ता गोभी, प्याज, लहसुन, फलियां, तले हुए खाद्द-पदार्थ, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स आदि का सेवन खतरनाक साबित हो सकता है। 

अस्थमा के मरीजों को भूलकर भी मसालेदार खाद्य पदार्थ, सूखे मेवे, शराब, मराशीनो चेरीज़, नींबू का रस का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनका सेवन करने से अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं। 

इसके अलावा अस्थमा के मरीजों को फास्ट फूड का सेवन कम से कम करना चाहिए। 

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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