स्मार्टफोन पर करते हैं पढ़ाई तो हो जाएं सावधान! शोध में हुआ चौंका देने वाला खुलासा
साइंटिफिक रिपोर्ट्स जनरल में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज पर पढ़ने के लिए डिजिटल स्क्रीन की जरूरत होती है। इससे शब्दों की समझ कम होती है। इस शोध के मुताबिक, स्मार्टफोन पर कुछ पढ़ने से हमारे दिमाग में प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में ओवर एक्टिविटी होती है।
आज के समय में स्मार्टफोन हमारी लाइफ स्टाइल का अभिन्न हिस्सा बन गया है। असली रोजमर्रा के कामों के लिए हम स्मार्ट फोन पर निर्भर हैं। चाहे सुबह उठने के लिए अलार्म लगाना हो या ऑनलाइन कुछ ऑर्डर करना हो या ऑफिस की कोई जरूरी मीटिंग हो, हर काम के लिए हम अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। आजकल बड़े ही नहीं, बल्कि बच्चे भी पूरा दिन स्मार्टफोन और स्मार्ट डिवाइसेज पर ही बिजी रहते हैं। कोरोना महामारी से ई एजुकेशन के कारण यह निर्भरता और ज्यादा बढ़ गई है। हेल्थ एक्सपर्ट्स बार बार स्मार्टफोन से होने वाले नुकसानों के बारे में बताते आए हैं। लेकिन हाल ही में एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जिसे पढ़ने के बाद आप भी हैरान रह जाएंगे।
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दिमाग पर होता है असर
क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप अपने स्मार्टफोन पर कोई किताब या न्यूज पढ़ते हैं, तो इसका आपके दिमाग पर क्या असर होता है? साइंटिफिक रिपोर्ट्स जनरल में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज पर पढ़ने के लिए डिजिटल स्क्रीन की जरूरत होती है। इससे शब्दों की समझ कम होती है। इस शोध के मुताबिक, स्मार्टफोन पर कुछ पढ़ने से हमारे दिमाग में प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में ओवर एक्टिविटी होती है।
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शब्दों की समझ कम होती है
इस लेख के ऑथर Motoyasu Honma और उनकी टीम ने दो पहलुओं को समझने की कोशिश की। रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल स्क्रीन पर रीडिंग से हमारे रेस्पिरेट्री सिस्टम और ब्रेन फंक्शन पर असर होता है। इससे हमारी समझ पर बुरा प्रभाव होता है। इस शोध में जापान की 34 यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। इसमें स्टूडेंट्स से पेपर और स्मार्टफोन दोनों पर टेक्स्ट पढ़ने के लिए कहा गया। फिर रिसर्चर्स ने स्टूडेंट्स की प्री फ्रंटल कॉर्टेक्स की एक्टिविटी को मापा। शोध में पाया गया कि जो स्टूडेंट्स पेपर पर रीडिंग करते हैं, वे स्मार्टफोन पर टेक्स्ट पढ़ने वालों से ज्यादा बेहतर परफॉर्म करते हैं।
- प्रिया मिश्रा
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