Tadasana Benefits: ताड़ासन का नियमित अभ्यास करने से मिलेंगे ये 10 फायदे, दिल से दिमाग तक होगा दुरुस्त

Tadasana Benefits
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तड़ासन के नियमित अभ्यास से अनेकों स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। आज हम आपको उन दस फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको जानने के बाद आप भी रोजाना तड़ासन का अभ्यास करना चाहेंगे।

योग न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। यह शरीर के बाहरी और भीतरी सभी अंगों की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। जो भी लोग नियमित रूप से योगाभ्यास करते हैं, उनको कई फायदे मिलते हैं। शरीर के अलग-अलग अंगों की सेहत के लिए अलग-अलग आसन और प्राणायाम लाभकारी हैं।

वहीं कुछ योगासन के अभ्यास से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इन्हीं में से एक आसन तड़ासन है। इस आसन के नियमित अभ्यास से अनेकों स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको उन दस फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको जानने के बाद आप भी रोजाना तड़ासन का अभ्यास करना चाहेंगे।

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पोस्चर और रीढ़ को रखे सीधा

बता दें कि यह एक शक्तिशाली आसन है। यह आसन गलत पोस्चर और रीढ़ की हड्डी की खराबी को ठीक करने में सहायता करता है। तड़ासन का अभ्यास स्पाइनल कर्व को प्रोत्साहित करता है और कोर मसल्स को मजबूती देने का काम करता है। इस आसन का नियमित अभ्यास करने से गर्दन में तनाव, पीठ दर्द और खराब मुद्रा से जुड़ी अन्य समस्याओं से राहत मिल सकती है।

बना रहता है संतुलन और स्थिरता

इस आसन की स्थिति को बनाए रखने के लिए शारीरिक जागरुकता और संतुलन की जरूरत होती है। जिस तरह से इस आसन को करने के दौरान आपके पैर मजबूती से जमीन पर टिके होते हैं, उससे मांसपेशियों में खिंचाव आता है। इससे आपका शरीर स्थिर और गति को महसूस करने की क्षमता में सुधार होता है।

श्वसन क्षमता

तड़ासन करने के दौरान रीढ़ लंबी और छाती खुली होती है और यह अवस्था सांस लेने की अनुमति देती है। यह आसन हमें गहरी सांस लेने को प्रोत्साहित करता है। जिससे फेफड़ों की क्षमता और ऑक्सीजन का सेवन बढ़ सकता है। इस आसन को करने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन समस्याओं में राहत मिलती है।

बढ़ता है सर्कुलेशन और मेटाबॉलिज्म

इस आसन को करने से पूरे शरीर में बेहतर ब्लड सर्कुलेशन होता है। बेहतर ब्लड सर्कुलेशन यह सुनिश्चित करता है कि शरीर के महत्वपूर्ण अंगों और ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की पूर्ति हो सके। तड़ासन करने के दौरान मांसपेशियों का हल्का संकुचन मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा दे सकता है। इससे वेट कंट्रोल करने और मेटाबॉलिज्म हेल्थ को बेहतर बना सकता है।

बढ़ती है मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता

बता दें कि इस आसन को ग्राउंडिंग पोज के तौर पर भी जाना जाता है। क्योंकि इस आसन में पैरों को धरती से जोड़ कर रखा जाता है। जड़ता और स्थिरता की यह भावना एकाग्रता, मानसिक स्पष्टता और शांति की भावना को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है। इस आसन में सांस पर ध्यान केंद्रित कर शरीर में खिंचाव लाया जाता है, जो चिंता औऱ तनाव को कम करता है। साथ ही समग्र मानसिक कल्याण में मदद करता है।

अन्य कारण

तड़ासन से शरीर के निचले हिस्से जांघों, टखनों और घुटनों को मजबूती मिलती है।

इस आसन के अभ्यास से पेट टोंड होता है।

साइटिका करने वाले लोगों को इस आसन से राहत मिलती है।

इस आसन का अभ्यास करने से लंबाई बढ़ती है।

तड़ासन का अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है और इससे संबंधित विकार दूर होते हैं।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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