दूसरों को खुश करने के चक्कर में कहीं खुद की मेंटल हेल्थ खराब कर लीं , हैप्पी रहने के लिए अपनाइए ये 4 तरीके

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अक्सर लोग दूसरों को खुश रखने के लिए अपने मेंटल हेल्थ खराब कर लेते हैं। मेटल हेल्थ पर ध्यान देना काफी जरुरी जितना हम फिजिकल हेल्थ का ध्यान रखते हैं। आइए जानते हैं किस तरह से मेंटल हेल्थ को ठीक किया जाए।

भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल और गलत खान की वजह से कई बार तनाव महसूस करते रहते हैं। बिजी जीवनशैली में इंसान खुद के लिए टाइम नहीं निकाल पाता जिस वजह से वह खुश नहीं रहता है और मेंटल हेल्थ भी खराब होने लगती है। गौरतलब है कि मेटल हेल्थ पर ध्यान देना काफी जरुरी जितना हम फिजिकल हेल्थ का ध्यान रखते हैं। कई बार होता है हम दूसरे को खुश करने में लगे रहते हैं लेकिन खुद की खुशी का भूल ही जाते हैं। याद रखें कि लोग आपसे काफी खुश नहीं होंगे। इसलिए अपनी मेंटल हेल्थ न खराब करें। मेंटल हेल्थ खराब होने से इंसान में गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है, धीरे-धीरे यह तनाव उत्पन्न होने लगता है। आज हम आपको तनाव से निकलने के लिए इन तरीकों को बता रहे हैं।

न कहने में शर्म नहीं करें

कई बार होता है कि दूसरो की खुश करने के चक्कर में हम न कहने में काफी संकोच करते हैं। दूसरों को बुरा न लगे इसके चलते हर काम करने के लिए हां कर देते हैं, लेकिन आपको न कहना सीखना होगा तभी आप इस आदत से बाहर निकल जाएंगे। शुरुआत में आपके लिए ये मुश्किल होगा और आपको अपनी मेंटल हेल्थ के बारे में सोचना जरुरी है।

अपनी प्राथमिकताओं को समझें

हमेशा इस बात का ध्यान रखे कि सदैव अपनी प्राथमिकताओं को अच्छे से समझें। दूसरों से पहले खुद के बारे में सोचें। इसी एक इग्नोरेंस के चलते आप कब प्लीजर बन जाते हैं, यह आपको खुद पता नहीं चलेगा। अपनी जरुरतों, ऑब्जेक्टिव्स और वेलबिंग को प्रियोरिटी पर रखें। हालांकि, इसका यह मतलब भी नहीं कि आप स्वार्थी हैं, खुद को मेंटली और फिजिकली स्ट्रॉन्ग रखकर आप दूसरों की ज्यादा बेहतर तरीके से मदद कर सकते हैं।

तकलीफ से बचने के लिए लिमिटेशन निर्धारित करें

दूसरो को खुश करने के चक्कर में कई बार आप अंदर से खुद ही टॉक्सिक हो जाते हैं और न चाहते हुए भी उस काम को कर रहे हैं, तो आप अपना ही नुकसान कर रहे हैं। इसका एक उपाय है अपनी सीमाएं निर्धारित करना। अपनी क्षमता के ऊपर कोई भी काम न करें। जो आपको तकलीफ दें।

हर किसी को खुश नहीं कर सकतें

इस बात को अच्छे से समझ लें। आपकी और सामने वाले की जरुरतें अलग भी हो सकती है, वहीं आप अपने समाने वाले के इमोशन को साइड करते हुए सामने वाले व्यक्ति को प्रियोरिटी पर रखा, तो इससे हो सकता है वो खुश हो जाए, हालांकि आप दुखी, तो कोई मतलब नहीं, आखिर में आपको अपनी खुशियों के साथ ही समझौता कर रहे हैं। आपनी केयर करना बेहद जरुरी है। गौरतलब है कि आज के समय में हर किसी को खुश रखना किसी इंसान के लिए संभव नहीं होता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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