ज्यादा सोने से हो सकता है स्ट्रोक? शोध में हुआ हैरान कर देने वाला खुलासा
नींद की कमी से ना केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, बल्कि अधिक सोने से स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है।शोध से यह भी पता चलता है कि जो लोग हर दिन 8 घंटे से ज्यादा सोते हैं, उनमें छह से आठ घंटे के बीच सोने वाले लोगों की तुलना में स्ट्रोक होने की संभावना ज्यादा होती है।
शरीर के सुचारु रूप से काम करने के लिए कम से कम छह से आठ घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है। जहाँ आजकल अनिद्रा एक आम समस्या बनती जा रही है, वहीं ओवरस्लीपिंग को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। स्टडी में सामने आया है कि नींद की कमी से ना केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, बल्कि अधिक सोने से स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है। शोध से यह भी पता चलता है कि जो लोग हर दिन 8 घंटे से ज्यादा सोते हैं, उनमें छह से आठ घंटे के बीच सोने वाले लोगों की तुलना में स्ट्रोक होने की संभावना ज्यादा होती है।
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स्ट्रोक क्या होता है?
स्ट्रोक आमतौर पर तब होता है जब मस्तिष्क के एक हिस्से में रक्त की आपूर्ति बाधित या कम हो जाती है जो मस्तिष्क के टिश्यू को नुकसान पहुंचा सकती है। आजकल की गतिहीन जीवनशैली के कारण 25 वर्ष से कम उम्र के लोग भी कार्डिएक अरेस्ट से हुए स्ट्रोक के कारण मर रहे हैं।
स्टडी में सामने आई यह बात
अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की मेडिकल जर्नल, जर्नल न्यूरोलॉजी के ऑनलाइन संस्करण में वैज्ञानिकों ने 32,000 लोगों में स्ट्रोक के जोखिम का मूल्यांकन किया, जिसमें औसतन 62 लोगों को स्ट्रोक का खतरा था। वैज्ञानिकों ने स्ट्रोक दरों को प्रतिभागियों के सेल्फ रिपोर्ट किए गए नींद के पैटर्न से जोड़कर देखा।
स्टडी के अनुसार, जो लोग हर रात 9 घंटे से ज्यादा सोते थे, उनमें हर रात 8 घंटे से कम सोने वालों की तुलना में स्ट्रोक का खतरा 23 प्रतिशत ज्यादा था। इसके अलावा जो लोग दिन के बीच में कम से कम 90 मिनट की नींद लेते हैं, उनमें स्ट्रोक होने की संभावना उन लोगों के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा थी, जो 30 मिनट से कम की नींद लेते थे। स्टडी में यह भी पाया गया कि जो लोग ज्यादा समय तक सोने के बावजूद भी खराब नींद की शिकायत करते हें, उनमें स्ट्रोक का खतरा 82 प्रतिशत अधिक बढ़ जाता है।
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ज़्यादा नींद और स्ट्रोक के बीच संबंध
विशेषज्ञों के मुताबिक, 8 घंटे से ज़्यादा नींद लेना स्ट्रोक से कैसे जुड़ा है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग बहुत ज़्यादा सोते हैं उनमें कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। इससे उनमें मोटापे और स्ट्रोक के जोखिम अधिक होता है। इसके साथ ही जो लोग ज़्यादा सोते हैं और जिनकी गतिहीन जीवनशैली होती है उनमें डिप्रेशन का खतरा अधिक होता है।
कैसे करें बचाव
डॉक्टर्स के मुताबिक स्वस्थ और पौष्टिक आहार और स्वस्थ जीवनशैली से 80 प्रतिशत तक स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। स्ट्रोक से बचने के लिए डॉक्टर वॉक करने, जंक फूड का सेवन कम करने और धूम्रपान ना करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए अपने ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल और वजन पर भी ध्यान दें।
- प्रिया मिश्रा
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